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देश की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव 30 सितंबर को होंगी रिटायर, जानें किसे मिलता है ये पद

कैसे बन सकती हैं लोको पायलट? लोको पायलट बनने के लिए कौन-सी पढ़ाई करनी होती है? कौन-सी परीक्षा देने के बाद लोको पायलट बनते है? इस लेख में जानते हैं इन सभी सवालों के जबाव...
Editorial
Updated:- 2025-09-22, 18:21 IST

सुरेखा यादव, जो कि एशिया की पहली महिला लोको पायलट हैं, इनका ट्रेन चलाने का सफर न केवल दिलचस्प रहा बल्कि बेहद चुनौतीपूर्ण भी रहा। हालांकि, जो लोग ये सोचते हैं कि ये क्षेत्र पुरुषों का वर्चस्व है, उनके लिए सुरेखा किसी मिसाल से कम नहीं हैं। इनकी अपनी हिम्मत और मेहनत ने रास्ते में आने वाली सभी चुनौती को पार किया। ये साल 1989 में भारतीय रेलवे में शामिल हुईं। वहीं अब यानी 36 साल तक भारतीय रेल की सेवा करने के बाद ये 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होंगी।

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ऐसे में देश की महिलाओं के मन में ये सवाल है कि आखिर कैसे लोको पायलट के पद तक पहुंचा जा सकता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि लोको पायलट कैसे बना जा सकता है और इसके लिए कौन-कौन सी परिक्षाएं दी जाती हैं। पढ़ते हैं आगे...

लोको पायलट बनने के लिए योग्यता

  • अगर आप लोको पायलट बनना चाहती हैं तो भारतीय रेलवे के द्वारा तय पात्रता एवं मानदंड को पूरा करना बेहद जरूरी है।
  • बता दें कि इस पद को हासिल करने के लिए उम्मीदवार को कक्षा 10वीं एवं 12वीं पास होना बेहद जरूरी है।
  • साथ ही आपके पास मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, टेक्नीशियन, वायरमैन, इलेक्ट्रॉनिक या ऑटोमोबाइल आदि ट्रेड में 2 साल का आईटीआई सर्टिफिकेट भी होना जरूरी है।
  • इसके लिए केवल वहीं आवेदन कर सकते हैं, जिनकी न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 30 वर्ष तय की गई है। वहीं जो महिलाएं आरक्षित श्रेणी की हैं, उनकी ऊपरी आयु सीमा में छूट होती है।

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आवेदन के लिए जरूरी स्टेप्स

  • जो महिलाएं ऊपर बताई गई सभी योग्यताओं को पूरी करती हैं वे इंडियन रेलवे की ओर से निकलने वाली लोको पायलट की भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगी।

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  • बता दें कि इसके लिए दो चरणों में कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम (CBT- Computer Based) देने होते हैं।
  • जो महिलाएं इन परीक्षाओं को पार करेंगी वे इंटरव्यू तक पहुंचेंगी।
  • इसके अलावा मेडिकल टेस्ट या साइकोमेट्रिक टेस्ट के लिए बुलाया जा सकता है।
  • जब ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो महिलाओं के जरूरी डॉक्यूमेंट्स चेक होंगे।
  • जब डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हो जाएगा और सब सही पाया जाएगा तो महिलाओं को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाएगा।
  • जब ट्रेनिंग पूरी होगी तो महिलाओं को पहले सहायक लोको पायलट के रूप में मालगाड़ी पर भेजा जाएगा। उसके बाद जब अनुभव बढ़ेगा और जो महिलाएं योग्य होंगी उन्हें यात्री गाड़ी पर भेज दिया जाएगा।

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