भारत की संस्कृति और अध्यात्म की चर्चा सिर्फ किसी एक गांव, शहर या राज्य में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फेमस है। नॉर्थ-ईस्ट से लेकर वेस्ट तक और साउथ से लेकर नॉर्थ तक ऐसे करोड़ों प्राचीन मंदिर हैं जिनके बारे में कुछ न कुछ चमत्कारी और दिलचस्प कहानियां सुनते रहते हैं।
देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में भी एक ऐसा ही मंदिर है जिसके बारे में बोला जाता है कि यह अनोखा मंदिर साल में सिर्फ एक दिन के लिए खुलता है और फिर इसे बंद कर दिया जाता है।
इस आर्टिकल में मध्य प्रदेश में मौजूद इस अनोखे मंदिर का इतिहास और मंदिर से जुड़ी कुछ दिलचस्प कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
मंदिर का नाम क्या है?
जिस अनोखे मंदिर के बारे में हम आपसे जिक्र कर रहे हैं उस मंदिर का नाम सोमेश्वर महादेव मंदिर है। यह पवित्र मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। सोमेश्वर महादेव मंदिर मध्य प्रदेश के किसी और जिले में नहीं, बल्कि रायसेन जिले में मौजूद है। यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर मौजूद है। यह रायसेन फोर्ट के पास में मौजूद है।
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सोमेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास
सोमेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास बेहद ही दिलचस्प है। कहा जाता है कि इस पवित्र मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में किया गया था। मिथक है कि इस मंदिर का निर्माण इस कदर किया गया था कि सुबह उगते सूर्य की किरणें जैसे ही पड़ती थी सोमेश्वर महादेव के कुछ हिस्से सोने जैसी सुनहरी रोशनी से जगमगा उठते थे।(कर्नाटक के प्रसिद्ध शिव मंदिर)
क्यों खुलता है एक दिन मंदिर
सोमेश्वर महादेव मंदिर में आज से नहीं, बल्कि आजादी के समय से साल में सिर्फ एक दिन के लिए खुलता है और फिर बंद हो जाता है। कहा जाता है कि यह पवित्र मंदिर सिर्फ महाशिवरात्रि के समय खुलता है और शाम होते ही बंद हो जाता है।
कहा जाता है कि यह मंदिर साल 1947 के बाद से ही बंद है। कई लोगों का मानना है कि मंदिर और मस्जिद विवाद के चलते इस मंदिर में ताला लगा दिया है ताकि समुदायों के बीच रिश्ता न बिगड़े। इसके बाद इस मंदिर में प्रवेश करने से सभी को रोक दिया गया।
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भक्तों की मुरादें होती हैं पूरी
सोमेश्वर महादेव मंदिर आज भी भक्तों के लिए बेहद ही खास स्थान माना जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव का दर्शन करने पहुंचता है उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।(महाराष्ट्र की धार्मिक यात्रा)
आपको बता दें कि महाशिवरात्रि के समय मंदिर के पास में भव्य मेला आयोजित होता है। आपको बता दें कि महाशिवरात्रि के अलावा अन्य दिनों में मंदिर के गेट पर कई लोग पूजा-पाठ करते हैं।
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