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Temples Of Vrindavan: जब महमूद गजनवी ने तोड़ दिया था श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, फिर आगे क्या हुआ? आप भी जानें

Krishna Janmabhoomi: कृष्ण जन्मभूमि पूरे देश का एक प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र है। मथुरा में स्थित इस जगह का दर्शन करने हर दिन हजारों कृष्ण भक्त पहुंचते रहते हैं।  
Editorial
Updated:- 2024-06-27, 16:20 IST

Krishna Janmabhoomi Temple Interesting Facts: भगवान कृष्ण का नाम सुनते ही सबसे पहले किसी शहर का नाम याद आता है, तो उसका नाम है मथुरा।

यमुना नदी के किनारे स्थित मथुरा एक पौराणिक शहर होने के साथ-साथ एक पवित्र शहर भी माना जाता है। जी हां, मथुरा में ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, जिसे पूरे हिंदुस्तान में कृष्ण जन्मभूमि के नाम से जाना जाता है।

कृष्ण जन्मभूमि देश का एक ऐसा पवित्र स्थल है, जिसका दर्शन करने हर साल लाखों भक्त देश के हर कोने से पहुंचते हैं। ऐसे में अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि आप कृष्ण जन्मभूमि के इतिहास के बारे में कितना जानते हैं, तो फिर आपका क्या जवाब होगा?

इस आर्टिकल में हम आपको कृष्ण जन्मभूमि (मंदिर) से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आप भी बहुत कम ही जानते होंगे। 

कृष्ण जन्मभूमि पर पहले मंदिर का निर्माण 

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यह तो लगभग हर कोई जानता है कि भगवान कृष्ण का जन्म राजा कंस के मथुरा कारागार में हुआ था, लेकिन यह बहुत कम लोग ही जानते हैं कि सबसे पहले कृष्ण जन्मभूमि पर किसने मंदिर का निर्माण करवाया था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पौराणिक मान्यता के अनुसार सबसे पहले भगवान कृष्ण के प्रपौत्र बज्रनाभ ने अपने कुलदेवता की याद में एक मंदिर बनवाया था। यहां मिले शिलालेख से मालूम चलता है कि प्राचीन काल में यहां तोरण द्वार और एक वैदिक बनवाया गया था। 

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कृष्ण जन्मभूमि पर दूसरे मंदिर का निर्माण 

शायद आपको मालूम हो, अगर नहीं मालूम है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि सम्राट विक्रमादित्य के शासन काल में दूसरा मंदिर करीब 400 ईस्वी के आसपास में हुआ था। (बांके बिहारी मंदिर

जी हां, माना जाता है कि 400 ईस्वी निर्मित दूसरा मंदिर बेहद ही भव्य था। कई लोगों का मानना है कि उस दौर में इस मंदिर की वास्तुकला और बनावट लोगों को खूबसूरती आकर्षित करती थी। माना जाता है कि सम्राट विक्रमादित्य द्वारा बनवाए गए इस मंदिर पर महमूद गजनवी ने सन 1017 ईस्वी में आक्रमण किया था और मंदिर को लूटने के बाद थोड दिया था।

कृष्ण जन्मभूमि पर तीसरे मंदिर का निर्माण

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कई लेख और मान्यता के अनुसार यह माना जाता है कि जन्मभूमि में खुदाई के दौरान कुछ शिलालेख मिले थे। कहा जाता है कि यहां मिले शिलालेखों के अनुसार यह पता चलता है कि तीसरी बार मंदिर का निर्माण 1150 ईस्वी में किया गया था। (वृंदावन के प्रसिद्ध मंदिर)

जी हां, कई लोगों का मानना है कि तीसरे मंदिर का निर्माण राजा विजयपाल देव के शासनकाल के दौरान हुआ था। हालांकि, कई लोगों का यह भी मानना है कि 16वीं शताब्दी में इस मंदिर को सिकंदर लोदी के शासन काल में तोड़ दिया गया था। 

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कृष्ण जन्मभूमि पर चौथे मंदिर का निर्माण

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कई लोगों का मानना है कि जहांगीर के शासन काल में यहां चौथे मंदिर का निर्माण हुआ था, लेकिन इसे भी तोड़ दिया गया।  जी हां, ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की भव्यता इस कदर प्रचलित थी कि साल 1669 में औरंगजेब ने तुड़वा दिया था। माना जाता है कि मंदिर को तोड़ने के बाद औरंगजेब के मंदिर के एक एक हिस्से में ईदगाह निर्माण करवा दिया था।

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