बांके बिहारी के अलावा, वृंदावन-मथुरा के इन रहस्यमयी मंदिरों में घूमना न भूलें

राधा रमण जी वृंदावन के 7 ठाकुर जियों में से एक माने जाते हैं। वैष्णव परंपरा में गौड़ीय संप्रदाय के अनुयायियों द्वारा इस मंदिर की स्थापना हुई थी। यह मंदिर वृंदावन रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति है। 

temples of vrindavan

धार्मिक स्थानों की जब भी बात आती है तो सबसे पहला नाम वृंदावन-मथुरा का ही आता है। वृंदावन-मथुरा में रोजाना हजारों लोगों की भीड़ जाती है। यूं तो इस स्थान का मुख्य केंद्र है यहां मौजूद बांके बिहारी लाल का मंदिर लेकिन इसके अलावा, प्रेम मंदिर, निधिवन और सकों मंदिर भी अब यहां के चर्चित स्थानों में से एक हो गए हैं। हालांकि वृंदावन-मथुरा में सिर्फ यही चाजगहें नहीं हैं घूमने के लिए। इन जगहों के अलावा और भी कई ऐसे मंदिर हैं जो न सिर्फ रहस्यों बल्कि खूबसूरती सेभरे हुए हैं। आइये जानते हैं कि वृंदावन-मथुरा जाने पर कौन-कौन से मंदिरों के दर्शन वहां कर सकते हैं।

राधारमण मंदिर

radha raman mandir to visit in vrindavan

राधा रमण जी वृंदावन के 7 ठाकुर जियों में से एक माने जाते हैं। वैष्णव परंपरा में गौड़ीय संप्रदाय के अनुयायियों द्वारा इस मंदिर की स्थापना हुई थी। यह मंदिर वृंदावन रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति है। इस मंदिर की नक्काशी दक्षिण परंपरा के अनुसार बनी है। इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि इस मंदिर में अग्नि कुंड है जो पिछले 500 सैलून से जल रहा है और आजतक भी उस अग्नि को कोई बुझा नहीं पाया है।

बंशी वट मंदिर

banshi vat mandir to visit in vrindavan

बंशी वट मंदिर असल में वो स्थान है जहां बाल कृष्ण गायों को चराने ले जाते थे और बंसी बजाया करते थे। बंशी वट में आज भी वो पेड़ स्थापित है जिसके नीचे खड़े होकर श्री कृष्ण बंसी बजाते थे और अपने सखाओं के साथ भोजन किया करते थे। बंशी वट तहसील मांट मुख्यालय से एक किमी दूर यमुना किनारे मौजूद है। ऐसा माना जाता है कि बाशी वट में मौजूद इ पेड़ से अगर कान लगाकर सूना जाए तो इससे अज भी बंशी की आवाज सुनाई देती है।

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गोपेश्वर महादेव मंदिर

gopeshwar mahadev mandir to visit in vrindavan

गोपेश्वर महादेव मंदिर विश्व का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव गोपी रूप में विराजते हैं। इस मंदिर की कहने यह है कि जब भगवान श्री कृष्ण ने महारास रचाया था तब भगवान शिव ने भी उस रास में गोपी बनकर भाग लिया था। जिस स्थान पर शिव जी ने गोपी रूप धरा था उसी जगह आज मौजूद है गोपेश्वर महादेव मंदिर। यह मंदिर बंशिवत के पास ही यमुना किनारे स्थित है। इस मंदिर में आज भी भगवान शिव की अनुभूति होती है।

अगर आप भी वृन्दावन या मथुरा जाने का प्लान कर रहे हैं तो इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से पहले यह जान लें कि आखिर मथुरा-वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के अलावा और कौन-कौन से प्राचीन एवं रहस्मयी खूबसूरत मंदिर हैं जहां जरूर जाना चाहिए। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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