इस साल 17 अप्रैल को देशभर में श्री राम का पर्व रामनवमी मनाया जाएगा। ऐसे में हर कोई भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या जाने का प्लान बना रहा है। अयोध्या में रामनवमी पर भारी भीड़ देखने को मिल सकती है। उम्मीद जताई गई है कि राम मंदिर में करीब 10 से 15 लाख लोग रामनवमी पर दर्शन के लिए आ सकते हैं।
अगर आप भी रामनवमी पर श्री राम के दर्शन के लिए कहीं जाना चाहते हैं, तो अयोध्या जानें की बजाय पंजाब के इस खास मंदिर में जा सकते हैं। इस मंदिर का कनेक्शन प्रभु श्री राम से जुड़ा है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इस मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
भगवान राम और माता सीता से जुड़ा हुआ है यह मंदिर
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पंजाब के अमृतसर में अटारी-वागाह बॉर्डर के पास स्थित श्री राम तीर्थ मंदिर में आपको भगवान राम के होने का अहसास होगा। यह मंदिर हिन्दुओं के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। इस मंदिर को महर्षि वाल्मीकि का आश्रम माना जाता है। कहा जाता है कि यह वही मंदिर है, जहां माता सीता ने शरण ली थी।
मान्यता है कि इसी मंदिर में भगवान राम और माता सीता के पुत्र लव और कुश का जन्म हुआ था। यहां आपको मुख्य खंड में 8-फीट ऊंची और 800 किलोग्राम वजन के सोने से ढकी वाल्मीकि की मूर्ति भी देखने को मिलेगी।
धर्म ग्रंथों में लिखी कथा के अनुसार, जब श्री राम ने राजधर्म का पालन करने के लिए माता सीता का परित्याग कर दिया था, तब महर्षि वाल्मीकि ने उन्हें इसी आश्रम में आश्रय दिया था।
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मंदिर दर्शन के लिए कैसे पहुंचे
- समय- सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक आप यहां दर्शन के लिए आ सकते हैं।
- प्रवेश शुल्क- मंदिर में एंट्री के लिए कोई फीस नहीं है।
- श्री राम तीर्थ मंदिर अमृतसर से 11 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है।
- अमृतसर रेलवे स्टेशन से आप यहां आ सकते हैं। यहां से आपको मिनी बस मिल जाएगी, जो आपको मंदिर के पास स्थित चौराहे तक ले जाएगी।
- मंदिर तक पहुंचने के लिए आप अमृतसर से टैक्सी भी ले सकते हैं।
- मंदिर के आसपास आप कई अमृतर की फेमस जगहों पर घूमने जा सकते हैं।
मंदिर की खासियत
रामायण में लिखी एक कथा के अनुसार जब राम ने अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया था, जब उन्होंने अपने अश्व को भ्रमण के लिए छोड़ दिया था। इसी जगह पर उनके पुत्र लव कुश ने अश्व को पकड़ लिया और उसे छोड़ नहीं रहे थे। यहां आपको मंदिर के पास एक सरोवर भी देखने को मिलेगा।
माना जाता है कि इस हनुमान जी द्वारा खोदा गया था। माता सती यहां पर ही पास में स्थित एक बावली में स्नान के लिए आती थी। आज के समय में इस सरोवर को एक पावन जल के रूप में माना जाता है। यहां जो भी स्नान करता है, भगवान उनकी सारी मनोकामना पूरी करते हैं। यहां भक्त स्नान के बाद सरोवर की परिक्रमा करते हैं।
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Image Credit- Freepik
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