17 अप्रैल को देशभर में श्री राम का पर्व रामनवमी मनाया जाने वाला है। अब रामनवमी का पर्व है, तो लाखों श्रद्धालुओं ने इस खास मौके पर अयोध्या जाने का प्लान बना रहे हैं। इसे लेकर अब प्रशासन ने भी तैयारियां कर ली है। 15 अप्रैल से 17 अप्रैल तक श्री राम जन्मभूमि में लोग 24 घंटे दर्शन कर पाएंगे।
प्रशासन जानता है कि भगवान राम के इस खास अवसर पर लोगों की भारी भीड़ अयोध्या आएगी। क्योंकि हर दिन करीब 2 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए जा रहे हैं। प्रशासन ने उम्मीद लगाई है कि रामनवमी पर 15 लाख के करीब भक्त यहां आ सकते हैं।
इसलिए भीड़ प्रबंधन के लिए सभी तैयारियां की जा रही है। अगर आप भी रामनवमी पर श्री राम के दर्शन के लिए कहीं जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आप अयोध्या के अलावा इन मंदिरों में श्री राम के दर्शन के लिए जा सकते हैं। इन मंदिरों का कनेक्शन श्री राम से जुड़ा हुआ है।
रघुनाथ मंदिर, जम्मू
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जम्मू में रघुनाथ मंदिर भगवान राम के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में रोजाना 1500 से 2000 श्रद्धालु दूसरे राज्यों से आते हैं। विशाल रघुनाथ मंदिर में सात ऊंचे 'शिखर' बने हुए है। मंदिर के तीन तरफ अंदरी की दीवारों को सोने की चादरों से ढका गया है। इसके अलावा मंदिर में लगे लकड़ी के दरवाजे की जगह चांदी का दरवाजा लगाया गया है। इस चांदी के दरवाजे को जयपुर के कारीगरों ने बनवाया है।
- लोकेशन- फत्थू चौगान, पक्की ढाकी, मझिन, जम्मू और कश्मीर
- समय- सुबह 6.00 बजे - शाम 8.00 बजे तक मंदिर खुला रहता है।
- कैसे पहुंचे- जम्मू तवीरेलवे स्टेशन से लगभग 3 किमी की दूरी पर मंदिर स्थित है।
- जम्मू हवाई अड्डा से मंदिर लगभग 8 किमी की दूरी पर है।
- ध्यान रखें- मंदिर के अंदर किसी भी कैमरे, मोबाइल की अनुमति नहीं है।
श्री राम तीर्थ मंदिर, पंजाब
पंजाब के अमृतसर में स्थित इस मंदिर की महिमा सबसे निराली है। माना जाता है कि यहा पर ही श्री राम और माता सीता ने अपने वनवास के दौरान विश्राम किया था। इस मंदिर के समीप ही एक सरोवर है, जिसे बहुत पावन माना जाता है। मान्यता है कि जब श्री राम ने अश्वमेध यज्ञ के लिए घोड़ा छोड़ा था, तब इसी स्थान उनके पुत्र लव-कुश ने घोड़े को पकड़ा था और रामजी के साथ युद्ध किया था।
- समय- सुबह 6:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक (इन मंदिरों का दर्शन किए बिना अधूरा है सफर)
- लोकेशन- चोगावां रोड के पश्चिम में 11 किमी की दूरी पर स्थित है।
कोंडांडा रामास्वामी मंदिर, चिकमंगलूर
कर्नाटक के चिकमगलूर में एक पहाड़ी के ऊपर श्री राम का यह मंदिर स्थित है। 16वीं शताब्दी में बनाया गया यह मंदिर अपने शांत वातावरण और श्री राम की महिमा के लिए जाना जाता है। ये एक ऐसा इकलौता मंदिर है जहां माता सीता भगवान राम और लक्ष्मण के दाहिनी ओर खड़ी हैं। माना जाता है कि राम, लक्ष्मण और सीता ने अपने वनवास की अवधि के दौरान कुछ समय यहां जंगल में बिताया था। यहां पर ही श्री राम ने माता सीता को प्यास लगने पर धरती में गहराई तक तीर मारा था। जिससे जमीन से मीठे पानी की धारा निकल आई थी।
- समय- यहां आप सुबह 6 बजे से रात दोपहर 1 बजे तक दर्शन के लिए आ सकते हैं।
- इसके बाद 2 बजे से रात 8 बजे तक मंदिर खुला रहता है।
- कैसे पहुंचे- आप यहां वोंटिमिट्टा रेलवे स्टेशन से आ सकते हैं। मंदिर से रेलवे स्टेशन की दूरी 1.4 किमी है।
श्री राम के प्रसिद्ध मंदिर
- राम राजा मंदिर, मध्यप्रदेश,
- त्रिप्रायर श्री राम मंदिर, केरल (इन शहरों से मिलेगी अयोध्या के लिए सीधी फ्लाइट)
- रामास्वामी मंदिर, तमिलनाडु
- सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर, तेलंगाना
- कालाराम मंदिर, महाराष्ट्र में भी श्री राम के दर्शन का प्लान बना सकते हैं।
अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो ध्यान रखें
- फोन, वॉलेट, चार्जर, चाबी, इलेक्ट्रॉनिक सामान नहीं ले जा सकते।
- परिसर में आपको एक लॉकल मिलेगा, जो निशुल्क है। इसमें आप अपना सामान रख सकते हैं।
- रामलला को नहीं चढ़ा सकते- नारियल, फूल माला और शृंगार की चीजें।
- आरती में शामिल होने के लिए आपको पहले पास लेना होगा। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से निशुल्क पास सेवा दी गई है।
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image credit- freepik
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