Why are there only 12 in a dozen: केले की बात हो या अंडे की अक्सर ये चीजें दर्जन के भाव में दुकान में बिकती है। अब ऐसे में जब भी हम लोग बाजार केला लेने जाते हैं, तो दुकानदार से भाव पूछकर उसे खरीद लेते हैं और हम केले की संख्या को लेकर किसी प्रकार का सवाल-जवाब नहीं करते हैं कि कम है या ज्यादा क्योंकि हमें पता होता है कि 1 दर्जन में 12 केले मिलेंगे। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर एक दर्जन 12 की संख्या क्यों गिनी जाती है। 12 की जगह 10-11 या फिर 13 भी तो लिया जाता है, पर ऐसा क्यों नहीं। यह सवाल भले ही आसान या सिंपल सा लग रहा है, लेकिन आज भी हम में से बहुत सारे लोगों को इसका जवाब नहीं मालूम है। आज हम जिस नंबर सिस्टम का उपयोग करते हैं, वह काफी हद तक हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुकी है, लेकिन अगर उसके बारे में पूछ लिया तो हम इससे अनजान होते हैं।
अगर आपको भी इसके बारे में नहीं पता है, तो इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर 12 संख्या को ही क्यों 1 दर्जन में काउंट किया जाता है।
अगर कोई अचानक 1 दर्जन में 12 की जगह 11 केले दे तो हम यह कहेंगे कि कि भाई ऐसा तो नहीं होता 1 दर्जन में 12 केले मिलते हैं। इसके पीछे हम घंटों बहस भी कर सकते हैं, लेकिन अगर वह 12 के पीछे की वजह पूछने लग जाए, तो हम चुप हो जाएंगे। ऐसा इसलिए क्यों हमें इसके पीछे का कारण ही नहीं है कि आखिर क्यों 1 दर्जन में 12 ही होते हैं।
उत्तर- इसके पीछे का जवाब यह है कि 12 पहली बात तो सम संख्या है। साथ ही यह 1, 2, 3, 4 और 6 से पूरी तरह विभाजित किया जा सकता है। वहीं 10 को केवल 1, 2 और 5 से और 13 को केवल 1 और 13 से विभाजित किया जा सकता है। वहीं अगर 11 की भी बात करें तो उसे केवल 1 या 13 से डिवाइड कर सकते हैं।
ऐसे में 12 का विभाजन पुराने समय में व्यापारियों और आम लोगों के लिए चीजों को बांटने और हिसाब-किताब रखने में बहुत मददगार होता था। जब आप किसी वस्तु को आधे, तिहाई या चौथाई में बांटना चाहते थे, तो 12 की संख्या इसे बेहद आसान बना देती थी।
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ऊपर बताए गए कारण के अलावा, कई प्राचीन सभ्यताओं ने गिनती के लिए 12 की प्रणाली का इस्तेमाल किया। बेबीलोनियन और सुमेरियन जैसी सभ्यताओं ने 60 के आधार पर अपनी गिनती प्रणाली विकसित की थी। यह प्रणाली 12 पर आधारित थी, क्योंकि 60 को 12 से विभाजित किया जा सकता है। यही कारण है कि आज भी हम समय को 60 मिनट और 60 सेकंड में और एक दिन को 24 घंटों में (12 + 12) देखते हैं।
1 दर्जन में 12 होने के पीछे एक और दिलचस्प बात यह है कि हमारे हाथों की उंगलियों से भी 12 पोर होते हैं। अंगूठे के सहारे हम अपनी उंगलियों के तीन भागों को गिन सकते हैं।
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