herzindagi
why did demons worship only shiv ji

क्यों असुर करते थे सिर्फ भगवान शिव की ही पूजा? जानें क्या था कारण

जहां एक ओर देवी-देवता भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की ही पूजा करते थे तो वहीं, असुर सिर्फ भगवान शिव की आराधना में लीन रहते थे। असुरों द्वारा सिर्फ भगवान शिव की तपस्या या पूजा की जाती थी। 
Editorial
Updated:- 2025-02-27, 12:30 IST

हिन्दू धर्म ग्रंथों में यह वर्णित है कि जहां एक ओर देवी-देवता भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की ही पूजा करते थे तो वहीं, असुर सिर्फ भगवान शिव की आराधना में लीन रहते थे। असुरों द्वारा सिर्फ भगवान शिव की तपस्या या पूजा की जाती थी। इस बारे में जब हमने ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से पूछा तो उन्हें हमें कुछ रोचक बातें बताईं। आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

असुर क्यों करते थे सिर्फ भगवान शिव की पूजा? (Asur Kyu Karte The Sirf Bhagwan Shiv Ki Puja?)

asur vishnu ji ki puja kyu nahi karte the

भगवान शिव का एक नाम भोलेनाथ भी है यानी कि जो भोले हैं और जल्दी प्रसन्न भी हो जाते हैं। शास्त्रों में यह वर्णित है कि भगवान शिव की पूजा अगर मात्र एक दिन भी तपस्या के रूप में की जाए तो इससे शिव जी प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन भगवान श्री हरि नारायण की तपस्या न सिर्फ नियमों से बंधी हुई है बल्कि उनकी तपस्या की अवधि भी बहुत बड़ी है।

यह भी पढ़ें: Mythology Facts: भगवान राम, श्री कृष्ण और शिव जी के धनुष का क्या नाम था?

पौराणिक कथाओं में ऐसी कई घटनाओं का उल्लेख मिलता है जो इस बात को प्रमाणित करती है। उदाहरण के तौर पर, माता यशोदा और नंद बाबा ने अपने पूर्व जन्म में 12 हजार वर्ष तक कठोर तपस्या की थी जिसके फल स्वरूप उन्हें द्वापर युग में भगवान विष्णु के श्री कृष्ण अवतार में उनके माता-पिता बनने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ था।

asur bhagwan vishnu ki puja kyu nahi karte the

इसक अलावा सुदामा जी की कथा, सतयुग में राजा बलि की कथा, वैष्णों देवी माता के विष्णु अवतार श्री राम को पति रूप में पाने की कथा, सप्त ऋषियों और 16 हजार 108 महा मुनियों की कथा, नागों की कथा आदि इन सभी और ऐसी कई कथाओं में इस बात का वर्णन मिलता है कि भगवान विष्णु की इन सभी ने कई हजार वर्षों तक तपस्या की थी।

यह भी पढ़ें: क्यों एक पैर ऊपर करके बैठते हैं भगवान शिव?

वहीं, महादेव की पूजा और तपस्या बहुत सरल है और उन्हें प्रसन्न करना भी आसान है। इसके अलावा एक कारण यह भी माना जाता है कि भगवान विष्णु असुरों के संहारक हैं और भगवान शिव असुरों के सरक्षक। ऐसे में यह स्वतः ही मान्य हो गया कि महादेव की पूजा असुरों द्वारा की जाने लगी। हालांकि कुछ असुरों ने ब्रह्म देव की तपस्या भी की थी।

asur bhagwan shiv ki tapasya hi kyu karte the

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।