भगवान शिव का आसन पत्थर ही क्यों है?

भगवान शिव का आसन है पत्थर, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पत्थर ही क्यों भगवान शिव के विराजित होने का स्थान है। आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण।
why bhagwan shiv sits only on stone

हिन्दू धर्म में हर देवी-देवता एवं भगवान का अपना एक आसन होता है जिसपर वह विराजमान रहते हैं। उदाहरण के तौर पर भगवान विष्णु के आसन शेष नाग हैं, ब्रह्मा जी का आसन कमल पुष्प है, माता लक्ष्मी भी गुलाबी कमल पर विराजमान हैं, मां सरस्वती का आसन स्वान यानी कि सफ़ेद हंस है। ठीक ऐसे ही भगवान शिव का आसन है पत्थर, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पत्थर ही क्यों भगवान शिव के विराजित होने का स्थान है, कि आखिर क्यों भगवान शिव किसी भी और आसन पर नहीं बल्कि सिर्फ ओर सिर्फ पत्थर पर विराजते हैं। आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

क्यों भगवान शिव सिर्फ पत्थर पर बैठते हैं?

धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि पत्थर का संबंध तीन प्रकार के गुणों से होता है। पहला गुण झुझारुता, दूसरा गुण कठोरता और तीसरा गुण परिवर्तन। विशेष बात यह है कि ये तीनों ही गुण व्यक्ति में मौजूद होते हैं।

shiv ji ka aasan patthar kyu hai

किसी भी परिस्थिति से लड़ने के लिए और लड़कर उससे बाहर निकलने के लिए व्यक्ति का जुझारू यानी कि झेलने की क्षमता रखने वाला होना बहुत जरूरी नहीं है तो कमजोर व्यक्ति जीवन में हार जाता है।

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वहीं, व्यक्ति को पत्थर की तरह कठोर होना चाहिए। इसका अर्थ ये नहीं कि निर्मलता व्यक्ति के साथ छोड़ दे बल्कि इसका मतलब है कि व्यक्ति का ज्यादा संवेदनशील होना उसे मुश्किलों से बाहर नहीं आने देता है।

तीसरा गुण परिवर्तन मनुष्य के लिए अति आवश्यक है। पत्थर समय और उपयोगिता अनुसार अपना आकर बदल लेता है।

bhagwan shiv ka aasan patthar kyu hai

इसके अलावा, पंच तत्वों के साथ सरलता से व्यवहार करता है वैसा ही व्यक्ति का होना जरूरी है।

उदाहरण के रूप में, जैसे पत्थर को आग से तपाकर उसे पिघलाया जा सकता है और नया रूप रंग दिया जा सकता है ठीक वैसे ही परेशानियों की आग में तपकर व्यक्ति भी नए विचारों और व्यक्तित्व के साथ आगे बढ़ता जाता है।

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इन्हीं तीन गुणों को उजागर करने हेतु और मनुष्य तक पहुंचाने के लिए भगवान शिव पत्थर पर विराजते हैं। इसके अलावा, भगवान शिव का पत्थर पर आसीन होना उनके पृथ्वी पर होने को दर्शाता है क्योंकि पत्थर सिर्फ धरती पर ही होते हैं।

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image credit: herzindagi

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