भगवान शिव ने क्यों दिया था सरयू नदी को श्राप?

सरयू नदी भगवान राम की अति प्रिय नदी है, लेकिन पौराणिक कथा के अनुसार सरयू नदी ने कुछ ऐसा किया था जिसके कारण भगवान शिव उनसे भयंकर रूप से क्रोधित हो गए थे।
lord shiva ne sarayu nadi ko kyu diya tha shrap

भगवान शिव से जुड़े कई ऐसे श्राप हैं जिनका वर्णन आज भी ग्रंथों या पुराणों में मिलता है। इन्हीं में से एक श्राप है सरयू नदी से संबंधित। असल में एक पौराणिक कथा कहती है कि भगवान शिव ने क्रोध में आकर सरयू नदी को श्राप दे दिया था। जब हमने इस बारे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से पूछा तो हमें पता चला कि क्या है इस श्राप से जुड़ी कहानी। आइये आपको भी बताते हैं इस लेख के माध्यम से।

भगवान शिव से क्यों मिला था सरयू नदी को श्राप?

bhagwan shiv se kis nadi ko mila tha shrap

सरयू नदी भगवान राम की अति प्रिय नदी है, लेकिन पौराणिक कथा के अनुसार सरयू नदी ने कुछ ऐसा किया था जिसके कारण भगवान शिव उनसे भयंकर रूप से क्रोधित हो गए थे। ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान शिव ने सरयू नदी को श्राप दिया था जब उस समय सरयू नदी का सारा पानी ही काला पड़ गया था।

असल में जब माता सीता भगवान राम के साथ वन में थीं और महाराज दशरथ की तिथि के दिन श्री राम को उनका पिंडदान एवं श्राद्ध कर्म करना था तब किसी कारणवश श्री राम अपने पिता का पिंडदान नहीं कर पाए थे, तब माता सीता ने बिना श्री राम के ही महाराज दशरथ का श्राद्ध कर्म विधि पूर्वक संपन्न किया था।

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जब श्री राम लौटे और उन्होंने माता सीता से पूछा तो माता सीता ने सरयू नदी को गवाह के रूप में सत्य बताने को कहा, लेकिन सरयू नदी ने कुछ नहीं कहा। इस बात पर माता सीता ने तो सरयू नदी को श्राप दिया ही मगर भगवान शिव भी यह देख बहुत रुष्ट हो गए थे। इसके बाद एक और घटना हुई त्रेता युग के अंत में।

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दरअसल, जब श्री राम ने आता सीता के जाने के बाद सारा राजपाट अपने पुत्रों को सौंप दिया और अपने धाम पुनः लौटने के लिए जल समाधि का निर्णय लिया तब समस्त अयोध्या बहुत दुखी हो गई थी। श्री राम ने समाधि सरयू नदी में ही ली थी। यह देख शिव जी का क्रोध और भी बढ़ गया और उन्होंने सरयू को श्राप दिया।

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भगवान शिव ने सरयू से कहा कि जहां के ओर पहले उसके कारण माता सीता को अपनी सत्यता सिद्ध करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा था तो वहीं, अब उसके कारण भगवान श्री राम समाधि ले रहे हैं। ऐसे में सरयू को शिव जी ने श्राप दिया कि पूजा-पाठ में कभी भी सरयू के जल का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

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image credit: herzindagi

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