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हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार कौन से अस्त्र हैं सबसे ज्यादा शक्तिशाली?

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार किन शास्त्रों को सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है।
Editorial
Updated:- 2022-09-18, 15:29 IST

हिंदू धर्म में सभी देवताओं को कई अस्त्रों-शस्त्रों के साथ दर्शाया गया है। हिंदू धर्म में कई भगवान के पास कई सारे शक्तिशाली अस्त्र हैं जैसे ब्रह्मास्त्र, त्रिशूल, सुदर्शन चक्र आदि। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार कौन से अस्त्र सबसे ज्यादा शक्तिशाली हैं।

1)सुदर्शन चक्र

sudarshan chakra

सुदर्शन चक्र को विष्णु ने उनके कृष्ण के अवतार में धारण किया था। श्रीकृष्ण ने इस चक्र से अनेक दानवों का वध किया था। सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु का अमोघ अस्त्र कहा जाता है। पुराणों में उल्लेख मिलता है कि इस चक्र ने देवताओं की रक्षा तथा राक्षसों के संहार में अहम भूमिका निभाई थी।

ऐसा माना जाता है कि इस चक्र को विष्णु ने गढ़वाल के श्रीनगर में स्थित कमलेश्वर शिवालय में कई सालों तक तप कर के प्राप्त किया था।

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2)ब्रह्मास्त्र

यह अस्त्र ब्रह्मा जी के द्वारा निर्मित किया गया जो बहुत ही शक्तिशाली और संहारक अस्त्र है। आपको बतो दें कि ब्रह्मास्त्र कई तरह के होते हैं। यह बड़े और व्यापक रूप के होते है, दिव्य तथा मांत्रिक-अस्त्र भी होते हैं।

एक बार इसके चलने पर तुरंत विनाश हो जाता है और ऐसा भी माना जाता है कि जिस जगह यह अस्त्र चलाया जाता है उस जगह कई वर्षों तक अकाल की स्थिति पैदा हो जाती है।

ऐसा माना जाता है कि यदि यह अस्त्र समस्त पृथ्वी का विनाश भी कर सकता है।

3)नारायणास्त्र

भगवान विष्णु के द्वारा नारायणास्त्र को निर्मित किया गया था। यह एक तरह का बाण होता है। यह बाण भगवान नारायण का दैवी अस्त्र भी माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि इस बाण से शत्रु कभी नहीं बच सकता है। इस बाण के तीर शत्रु की मौत तक उसका पीछा करता है। आपको बता दें कि अगर शत्रु इस बाण के सामने अपना सिर भी झुका दे या हार मान जाए तो भी यह शत्रु का विनाश कर ही देता है।

4) पाशुपतास्त्र

पाशुपतास्त्र भगवान शिव का महाविनाशक अस्त्र माना जाता है। इसके प्रहार से बचना शत्रु के लिए नामुमकिन होता है। यह अस्त्र माता काली का भी अस्त्र होता है। आपको बता दें कि यह ब्रह्मास्त्र को भी रोक सकता है। इसके अलावा पशुपतिनाथ मंदिर को दुनिया के सबसे लोकप्रिय शिव मंदिरों में से एक माना जाता है।

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5)वज्र

आपको बता दें कि अस्त्र देवराज इंद्र का मुख्य अस्त्र माना जाता है। इसके बारे में ऋग्वेद में भी बताया गया है कि दधीचि ऋषि की हड्डीयों से देवराज इंद्र ने यह अस्त्र बनाया था और अनेकों राक्षसों और दानवों का वध किया। वज्र को दूसरे अस्त्रों के मुकाबले सबसे ज्यादा वजनदार माना जाता है। आपको बता दें कि वज्र अस्त्र दो प्रकार के होते हैं।अशानि वज्र औरकुलिश वज्र इसके दो प्रकार माने जाते हैं।

6)त्रिशूल

भगवान शिव का अस्त्र होने के साथ-साथ त्रिशूलदुर्गा माता का भी शस्त्र होता है। त्रिशूल का अर्थ तीन शूल होता है। भगवान शिव के आलावा कोई और इस अस्त्र पर काबू नहीं कर सकता है। इस अस्त्र को उपयोग करके भगवन शिव ने कई राक्षसों का वध किया था।आपको बात दें कि विष्णु पुराण के अनुसार विश्वमकर्मा जी ने सूर्य के अंश से त्रिशूल का निर्माण किया था जिसको फिर उन्होंने भगवान शिव को अर्पित किया था।

इन सभी अस्त्रों के साथ-साथ और भी कई सारे अस्त्र हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार शक्तिशाली माने जाते हैं।

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Image Credit:shutterstock/facebook

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