इस वर्ष जन्माष्टमी का त्योहार 19 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। पूरे उत्तर भारत में कई जगहों पर जन्माष्टमी का पावन त्योहार मनाया जाता है। इस लेख में हम आपको श्रीकृष्ण की रानियों के बारे में और साथ में संतानों के बारे में भी बताएंगे।
श्रीकृष्ण का जन्म रात 12 बजे भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण की 16,108 पत्नियां थी और आपको यह बता दें की श्री कृष्ण जी के डेढ़ लाख से ज्यादा पुत्र भी थे।
भगवान श्रीकृष्ण के लिए कई कन्याएं विवाह करना चाहती थी। भगवान श्रीकृष्ण ने विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणी के साथ विवाह किया था। रुक्मणी भगवान कृष्ण से प्रेम करती थीं और उनके साथ विवाह करना चाहती थीं।
लेकिन विदर्भ के राजा भीष्मक ऐसा नहीं चाहते थे और रुक्मणि का भाई उनकी शादी शिशुपाल से विवाह करवाना चाहता था इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण किया था। मगर इस बारें में बहुत ही कम लोग जानते है कि रुक्मणि के अलावा भी श्रीकृष्ण की 16,107 पत्नियां थीं।
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आपको बता दें कि श्रीकृष्ण पांडवों से मिलने के लिए इंद्रप्रस्थ पहुंचे थे तो अर्जुन, नकुल, सहदेव, युधिष्ठिर, भीम, द्रौपदी और कुंती ने उनका पूजन किया था। इसके बाद श्रीकृष्ण अर्जुन के साथ वन विहार में टहलने के लिए गए थे। अर्जुन और श्रीकृष्ण वन में घूम ही रहे थे तभी वहां सूर्य पुत्री कालिंदी उन्हें पति रूप में पाने की तपस्या कर रही थी और कालिंदी की मनोकामना पूरी करने के लिए श्रीकृष्ण ने सूर्य पुत्री से विवाह किया था।
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पुराणों के अनुसार एक बार भूमासुर नाम के राक्षस ने अमर होने के लिए 16 हजार कन्याओं की बलि चढ़ाने का निश्चित किया था। लेकिन भगवान कृष्ण ने भूमासुर को यह पाप नहीं करने दिया और भगवान कृष्ण ने सभी कन्याओं को कारावास से छुड़ाकर उन्हें उनके घर भेज दिया था।
दैत्य के कारावास से मुक्ति मिलने के बाद जब सभी कन्याएं घर वापस पहुंची तो, समाज और परिजनों ने चरित्रहीन कहकर अपनाने से इंकार कर दिया था जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने 16 हजार रूपों में प्रकट होकर सभी कन्याओं के साथ विवाह कर लिया। लेकिन श्रीकृष्ण ने खुद कभी उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं किया था।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की पत्नियों को पटरानियां कहा गया हैं। इन 8 महिलाओं को अष्टा भार्या भी कहा जाता था। पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीकृष्ण की सिर्फ 8 पत्नियां रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा थीं।
भगवान श्रीकृष्ण के 1 लाख 61 हजार 80 पुत्र भी थे और 16 हजार 108 पुत्री थीं। श्रीकृष्ण के सबसे बड़े पुत्र का नाम प्रद्युम्न था। प्रद्युम्न कामदेव के अवतार माने जाते हैं। हालांकि शम्बरासुर नाम के दैत्य ने प्रद्युम्न का अपहरण करके उसकी हत्या करने की कोशिश करी थी लेकिन वो बच गए थे।
तो यह थी भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी हुई जानकारी।
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Image Credit- herzindagi
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