धर्म शास्त्रों एवं पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे और राधा रानी श्री कृष्ण की आराध्य शक्ति थीं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ग्रन्थ ऐसा भी है जहां इस बात का उल्लेख मिलता है कि श्री कृष्ण मां काली के अवतार थे और श्री राधा रानी महादेव यानी की भगवान शिव शंकर की अवतार थीं। जब हमें इस बारे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से पूछा तो उन्होंने हमें इसके पीछे का रोचक तथ्य और सत्य बताया। आइये जानते हैं इस विषय में विस्तार से।
क्या कृष्ण काली और राधा महादेव के अवतार थे?
देवी भागवत पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान श्री कृष्ण मां काली का ही एक रूप हैं और महादेव ने राधा रानी के रूप में अवतरण लिया था और इसी कारण से श्री कृष्ण और राधा रानी का विवाह नहीं हुआ था।
देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि जब श्री कृष्ण को ब्रज में प्रेम लीला रचानी थी तब उन्होंने भगवान शिव का ध्यान किया था और भगवान शिव राधा रानी का रूप प्रकट कर रास रचाने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे।
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एक पौराणिक कथा ये भी कहती है कि एक बार भगवान शिव ने माता पार्वती से प्रेम भाव हेतु मिलन की इच्छा प्रकट की थी। तब माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा था कि वह उनके आराध्य यानी की श्री कृष्ण के रूप में प्रकट होंगी।
उस समय महादेव श्री राधा रूप में अवतरित होंगे और तब प्रेम भाव का सम्पूर्ण सार संसार को समझाते हुए वह इस इच्छा को पूर्ण करेंगी। माता पार्वती ने ये भी कहा कि वह पुरुष रूप में जन्मेंगी जबकि महादेव स्त्री रूप में पधारेंगे।
इसके बाद द्वापरयुग में जब समय आया तो मां काली जो कि माता पार्वती का ही एक अंश हैं कृष्ण रूप में प्रकट हुईं और भगवान शिव ने बरसाना के मुखिया वृषभान जी के यहां राधा रूप में जन्म लिया और ब्रज में दोनों ने रास रचाया।
वृन्दावन में कृष्ण काली मंदिर भी स्थापित हैं जहां श्री कृष्ण की मां काली के रूप में पूजा की जाती है। कहते हैं की जब महादेव की इच्छा थी की कृष्ण एक बार काली रूप मेंदर्शन दें तब उन्होंने यमुना के पास काली स्वरूप धारण किया था।
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वृन्दावन के जानेमाने संत श्री प्रेमानंद जी महाराज ने भी इस बात का उल्लेख किया है कि कृष्ण ही काली हैं और महादेव ही राधा रानी हैं। उन्होंने ये भी बताया की राधा-कृष्ण या पार्वती-शिव किसी की भी पूजा करें, कृपा चारों की होती है।
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