श्रीमदभागवद समेत सभी ग्रंथों और पौराणिक कथाओं में इस बात का उल्लेख मिलता है कि श्री कृष्ण की दो माताएं थीं। एक माता देवकी जिन्होंने कृष्ण भगवान को जन्म दिया था और एक माता यशोदा जिन्होंने उन्हें पाला था, लेकिन ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि श्री कृष्ण की दो नहीं बलि तीन माताएं थीं। आइये जानते हैं कौन थीं श्री कृष्ण की तीसरी मां।
श्री कृष्ण की तीसरी मां का क्या नाम है?
पौराणिक कथा के अनुसार, श्री कृष्ण ने त्रेता युग के आरंभ में सबसे पहले वामन अवतार लिया था। वामन अवतार धर जब श्री कृष्ण राजा बलि के पास पहुंचे थे तब उनके मनोरम रूप को देखकर राजा बलि की पुत्री के मन में उन्हें अपना पुत्र बनाने की इच्छा जागी।
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वहीं, जब वामन भगवान ने बलि से तीन पग भूमि मांगकर उन्हें पाताल में निवास करने का स्थान दिया तो पिता के साथ ऐसा छल होता देख राजा बलि की पुत्री ने मन में यह कामना की कि अगर ऐसा पुत्र मेरा हो तो मई दूध में जहर मिलाकर उसे मृत्यु प्रदान कर दूं।
राजा बलि की पुत्री के मन के दोनों भावों को वामन भगवान जान गए और उन्होंने उन्हें तथास्तु बोलकर उनकी इच्छा कृष्ण अवतार के सामय पूर्ण होने का वरदान दिया। इसके बाद राजा बलि की पुत्री ने द्वापरयुग में पूतना के रूप में जन्म लिया था।
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द्वापरयुग में पूतना ने श्री कृष्ण को मारने के लिए ही सही लेकिन अपना दूध पिलाया था। ऐसे में श्री कृष्ण ने उन्हें अपनी माता स्वीकार किया था। साथ ही, वामन अवतार के समय दिए गए वरदान को भी फलित किया था। मृत्यु के बाद पूतना को कृष्ण धाम प्राप्त हुआ था।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जाना सकते हैं कि आखिर कौन थीं भगवान श्री कृष्ण की तीसरी माता। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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