can we worship lord shani when sade sati is not going on

Shanidev Puja Niyam: जब साढ़े साती नहीं चल रही हो, तब क्या शनिदेव की पूजा करना सही है?

Shani Dev Puja Niyam: हिन्दू धर्म शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि शनि देव की दृष्टि क्रूर है, ऐसे में अगर उनकी रोज पूजा की जाए तो उनकी दृष्टि हम पर पड़ेगी। जहां एक ओर अन्य किसी भी देवी-देवता की दृष्टि पड़ना शुभ और कल्याणकारी होता है तो वहीं, दूसरी ओर शनिदेव की दृष्टी पड़ने का अर्थ है कष्टों का सामना करना।
Editorial
Updated:- 2025-12-19, 16:31 IST

हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को 'न्याय का देवता' और 'कर्मफल दाता' माना गया है। यह एक बहुत बड़ी गलतफहमी है कि शनिदेव केवल डराने वाले या कष्ट देने वाले देवता हैं। वास्तव में शनि अनुशासन, धैर्य और मेहनत के प्रतीक हैं। उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किसी विपत्ति का इंतजार करना जरूरी नहीं है। जिस प्रकार हम स्वस्थ रहने के लिए रोज व्यायाम करते हैं, उसी प्रकार जीवन में संतुलन और स्थिरता बनाए रखने के लिए शनिदेव की आराधना सदैव फलदायी होती है।

हालांकि, हिन्दू धर्म शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि शनि देव की दृष्टि क्रूर है, ऐसे में अगर उनकी रोज पूजा की जाए तो उनकी दृष्टि हम पर पड़ेगी। जहां एक ओर अन्य किसी भी देवी-देवता की दृष्टि पड़ना शुभ और कल्याणकारी होता है तो वहीं, दूसरी ओर शनिदेव की दृष्टी पड़ने का अर्थ है कष्टों का सामना करना। यूं तो 'साढ़े साती' या 'ढैय्या' जब चल रही होती है तभी लोग शनि देव की पूजा करते हैं, लेकिन क्या रोजाना शनिदेव की पूजा करना सही है? क्या जब साढ़े साती या ढैय्या नहीं है तब भी शनिदेव की पूजा करना उचित है? आइये जानते हैं इस बारे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।  

क्या बिना साढ़े साती के पूजा करना सही है?

हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, रोजाना बिना साढ़े साती या ढैय्या के भी शनिदेव की पूजा करना सही है। नियमित शनिदेव की पूजा करना आपके जीवन के लिए अत्यंत लाभकारी है। ज्योतिष के अनुसार, शनि ग्रह हमारे करियर, आयु, संचित धन और अनुशासन का प्रतिनिधित्व करते हैं।

bina sade sati ke kya shani dev ki puja karni chahiye

अगर आपकी कुंडली में साढ़े साती नहीं चल रही है, तब भी शनिदेव किसी न किसी भाव में स्थित होकर आपके जीवन को प्रभावित कर रहे होते हैं। बिना किसी कष्ट के उनकी पूजा करना इस बात का प्रतीक है कि आप अपने जीवन में अनुशासन और नैतिकता को महत्व देते हैं।

यह भी पढ़ें: Shani Ka Prabhav 2026: किसी में साढ़े साती तो किसी में ढैय्या, जानें साल 2026 में किन राशियों में शुरू होगा शनि का प्रभाव

जब हम बिना किसी स्वार्थ या डर के शनिदेव की शरण में जाते हैं तो वे अधिक प्रसन्न होते हैं। इससे व्यक्ति के भीतर धैर्य की वृद्धि होती है और वह कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहता है। इसे एक 'सुरक्षा कवच' की तरह देखा जा सकता है।

जब बुरा समय आएगा तो आपकी पहले से की गई भक्ति उस समय के प्रभाव को काफी कम कर देगी। शास्त्रों में यह बताया गया है कि शनिदेव की दृष्टि क्रूर है, लेकिन आपको शनिदेव से रोजाना नजरे नहीं मिलानी है अर्थात आपको मंदिर जाकर शनिदेव की पूजा करने की जरूरत नहीं है।

यह भी पढ़ें: क्या होता है जब शनि पहनते हैं चांदी के पाए? जानें किन राशियों को होने वाला है साल 2026 में इससे लाभ

साढ़े साती और ढैय्या के दौरान शनिदेव को देव के रूप में पूजा जाता है जबकि अगर साढ़े साती या ढैय्या नहीं तब शनिदेव को एक ग्रह के रूप में पूजा जाता है और यह कामना की जाती है कि एक ग्रह के रूप में हमेशा शुभता बनाये रखें। घर पर रहकर भी शनिदेव की पूजा हो सकती है।

bina sade sati ke kya shani dev ki puja kar sakte hain

आप घर पर शनि चालीसा का पाठ लकर सकते हैं। शनि देव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं। सबसे सरल उपाय शनिदेव को प्रसन्न करने का उनकी कृपा पाने का एवं उनकी भक्ति करने का यही है कि अपने कर्मों को धर्म के अनुसार और सही रखें। आप कर्म अच्छे करेंगे तो कर्मफल दाता की कृपा होगी।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।

;