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आखिर कौन हैं देश की पहली ट्रांसजेंडर जज जोयिता मंडल

देश की पहली ट्रांसजेंडर जज जोयिता मंडल ने निडर होकर अपनी पहचान बनाई और वह सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। चलिए हम आपको उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी बताते हैं।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-06-01, 12:51 IST

ट्रांसजेंडर लोगों के लिए आज भी हमारे समाज में रूढ़िवादी सोच है पर जोइता मंडल ने ट्रांसजेंडर होकर भी कभी अपना आत्मविश्वास नहीं खोया। पश्चिम बंगाल की 30 साल की जोयिता मंडल की पहचान आज देश की पहली ट्रांसजेंडर जज जोयिता मंडल कई परेशानियों से भरा हुआ था पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने काम से समाज को एक नई सीख दी।

कई परेशानियों को पीछे छोड़ा

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एक इंटरव्यू में जोयिता ने बताया, "हमेशा से मैं खुद को एक आम लड़की की तरह समझती था पर दुर्गा पूजा के वक्त सजने संवरने का हुआ, तो मैं ब्यूटी पार्लर जा पहुंचीं, लौटकर आई तो घर के लोग नाराज हुए, वे मुझे लड़का मानते थे, उस वक्त मुझे परिवार के लोगों ने इतना पीटा गया कि वे चार दिन तक बिस्तर से नहीं उठ सकीं और इलाज के लिए चिकित्सक के पास भी नहीं ले जाया गया।"

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कॉलेज में भी लोग उठाते थे मजाक

जोयिता ने यह भी शेयर किया कि, "जब मैं कॉलेज जाती थी तो सभी मेरा मजाक उड़ाया करते थे, इसके चलते पढ़ाई छोड़ दी। साल 2009 में मैंने घर छोड़ने का फैसला कर लिया, कहां जाएंगी कुछ भी तय नहीं था, इतना ही नहीं एक रुपये भी पास में नहीं था। दिनाजपुर पहुंची तो होटल में रुकने नहीं दिया गया, बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर रातें गुजारीं और होटल वाला खाना तक नहीं देता था, वह पैसे देकर कहता है कि हमें दुआ देकर चले जाओ।"(ट्रांसजेंडर प्रेग्नेंसी )

जोयिता मंडल साल 2010 से ही ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के लिए काम कर रही हैं। वह 'नई रोशनी' नाम की एक संस्था से जुड़ी हुई थी। धीरे-धीरे इस संस्था से लोग जुड़ने लगें। इसके बाद बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम स्थापित किया। रेड लाइट इलाके में रहने वाली महिलाओं, उनके बच्चों के राशन कार्ड, आधार कार्ड बनवाए और पढ़ाई के लिए प्रेरित किया गया।

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कब बनीं जोयिता जज?

जब जोयिता 29 साल की थी तो उन्हें देश की पहली ट्रांसजेंडर जज बनाया गया। जोयिता को 8 जुलाई साल 2017 को पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर की लोक अदालत में जज नियुक्त किया गया था।

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