छोटे बच्चे बेहद ही मासूम होते हैं। उन्हें अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं होता है। अक्सर वह उन्हीं एक्टिविटीज को दोहराते हैं, जो वह अपनी आंखों के सामने देखते हैं। इसलिए, अगर बच्चा किसी तरह के गलत शब्दों का प्रयोग कर रहा है या फिर वह अन्य बच्चों या बड़ों पर हाथ उठा रहा है, तो हो सकता है कि उसने ऐसा किसी को करते हुए देखा हो।
जब बच्चे दूसरों को हिट करते हैं, तो ऐसे में पैरेंट्स बच्चे को रोकने के लिए उसे डांटते हैं या फिर कभी-कभी बच्चे पर हाथ भी उठाते हैं। हो सकता है कि इस स्थिति में बच्चा कुछ वक्त के लिए ऐसा ना करे, लेकिन इससे उसकी आदत में बदलाव नहीं होता।
बच्चे की आदत में बदलाव करने के लिए आवश्यक है कि आप कुछ ठोस कदम उठाएं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप बच्चे की इस आदत में बदलाव कर सकती हैं-
बच्चे अक्सर उनकी चीजों को करते हैं, जो वह देखते हैं। हो सकता है कि उसने घर में ऐसा कुछ होते हुए देखा हो या फिर अपने दोस्तों से इस बारे में सुना हो। कभी-कभी तो पैरेंट्स खुद भी बच्चों पर हाथ उठाने से गुरेज नहीं करते। ऐसे में बच्चे के मन में यह बात बैठ जाती है कि अपनी बात मनवाने या फिर अपना गुस्सा निकालने का आसान तरीका है हाथ उठाना।
इस तरह बच्चा धीरे-धीरे इस आदत को अपना लेता है। इसलिए सबसे पहले बच्चे के मन से यह बात निकालने के लिए उसके आसपास के माहौल में बदलाव करने की जरूरत है।
बच्चों में अच्छी आदतों का संचार करने की जिम्मेदारी पैरेंट्स की होती है। ऐसे में अगर बच्चा हाथ उठाने की गलत आदत को सीख रहा है, तो बच्चे को यह समझाना बेहद आवश्यक है कि उसके द्वारा की जाने वाली एक्टिविटी बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।
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इसलिए, जब भी बच्चा ऐसा कुछ करे, तो आप एक दिन के लिए उसका फेवरेट टीवी शो उसे ना देखने दें या फिर उसे उसकी कोई फेवरेट डेली एक्टिविटी ना करने दे। इससे बच्चे को यह समझ में आएगा कि उसने कुछ गलत किया है और इसलिए उसे यह पनिशमेंट दी जा रही है। वहीं, बच्चे द्वारा अच्छा बर्ताव करने पर उसे रिवॉर्ड देना ना भूलें। इस तरह, धीरे-धीरे बच्चे की आदतों में फर्क आना शुरू हो जाएगा।
अमूमन यह देखा जाता है कि जब बच्चे चिल्लाते हैं या फिर हाथ उठाते हैं, तो उन्हें शांत करने के लिए अक्सर पैरेंट्स उनकी बात मान लेते हैं। लेकिन बतौर पैरेंट आपको यह गलती कभी भी नहीं करनी चाहिए। अगर आप बच्चे को शांत करने के लिए ऐसा करेंगी तो बच्चा हर बार अपनी बात मनवाने के लिए इसी गलत रवैये को अपनाएगा।
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भले ही बच्चे की डिमांड सही हो, लेकिन उसके द्वारा गलत व्यवहार करने पर उसकी बात ना माने। ऐसा करने से कुछ वक्त बाद जब बच्चा शांत होगा, तो उसे समझ में आएगा कि वह गलत व्यवहार के जरिए अपनी डिमांड पूरी नहीं करवा सकता है। जिसके बाद वह खुद को अनुशासित करने पर जोर देगा।
अगर आपके सभी प्रयासों के बाद भी बच्चे के व्यवहार में बदलाव नहीं हो रहा है, तो अंत में आप किसी चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट की मदद लें। एक्सपर्ट आपके बच्चे के मन की बात को अधिक बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। साथ ही, उनकी मदद व सुझावों के आधार पर आप अपने बच्चे के व्यवहार में भी बदलाव कर पाएंगी।
तो अब जब भी बच्चा किसी पर हाथ उठाए, तो उसे डांटने या मारने के स्थान पर इस कदमों को उठाएं और बच्चे के भीतर अच्छी आदतों का संचार करें।
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