अक्सर देखा गया है कि पेरेंट्स की सबसे बड़ी शिकायत होती है कि उनके बच्चों के बीच आपस में बहुत ज्यादा लड़ाइयां होती हैं। कभी बच्चों की पेरेंट्स से शिकायत होती है कि उन्हें बराबरी का प्यार नहीं मिल रहा है, तो कभी बच्चे इस बात पर झगड़ जाते हैं कि उन्हें उनकी पसंद की चीजें नहीं मिल पाती है।
अक्सर ये बात सामने आती है कि दूसरे बच्चे के जन्म के साथ ही पहले वाले के मन में ये ख्याल आने लगता है कि उसके पेरेंट्स अब छोटे बच्चे को ज्यादा प्यार और केयर देंगे और उसका प्यार बंटने लगेगा। बच्चे की यही सोच धीरे -धीरे भाई बहन या फिर भाइयों के बीच की ईर्ष्या और लड़ाई का कारण बनती है। न जाने कितनी बार पेरेंट्स को उनके बीच की लड़ाइयां सुलझानी पड़ती हैं और वो भी इस बात को लेकर काफी चिंता में आ जाते हैं कि इस समस्या को कैसे सुलझाया जाए कि बच्चों के बीच की लड़ाइयां कम हो जाएं। आइए Dr Samir Parikh, Director, Mental Health & Behavioural Sciences, Fortis Healthcare से जानें कि बच्चों के बीच होने वाली लड़ाइयों यानी कि sibling rivalry से कैसे छुटकारा पाया जाए और उनमें आपसी प्रेम जगाया जाए।
बच्चों की लड़ाइयों को Sibling Rivalry कहना है गलत
समीर पारिख जी बताते हैं कि दो बच्चों के आपसी झगड़े को Rivalry कहना पूरी तरह से सही नहीं है। दरअसल जब लगभग एक ही उम्र के दो लोग साथ होते हैं तो दोनों के बीच के विचारों में मतभेद, काम करने के तरीकों में बदलाव और दोनों के बीच किसी एक ही चीज के प्रति आकर्षण होना एक आम बात है। लेकिन इसे Sibling Rivalry न कहकर भाई बहन के बीच के विचारों का मतभेद कहा जा सकता है। दरअसल इसे Rivalry कहना इस समस्या को बढ़ावा देना है। क्योंकि ऐसे में हम इसे उसी तरह से समझकर आगे बढ़ते हैं और दोनों के बीच के झगड़े को बढ़ावा देते हैं। इसे हमें विकास की एक प्राकृतिक प्रक्रिया समझकर ही बच्चों के आपसी मनमुटाव को सुलझाना चाहिए।
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बच्चे की पर्सनैलिटी को समझें
पेरेंट्स को हमेशा इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि उनका हर एक बच्चा एक दूसरे से अलग होता है और सभी की पर्सनैलिटी भी अलग होती। दोनों बच्चों की पर्सनैलिटी के हिसाब से ही अलग-अलग समय और तरीकों से उनसे बात करें। अपने सभी बच्चों के व्यक्तित्व के बारे में गहराई से समझना पेरेंट्स की जिम्मेदारी है।
बच्चों की गलती को देखना
अक्सर बच्चों की लड़ाइयों के बीच देखा जाता है कि पेरेंट्स ये देखते हैं कि दोनों बच्चों में से लड़ाई की शुरुआत किसने की थी यानी पहली गलती किसकी थी। इसी बात को बढ़ावा देते हुए पेरेंट्स पहले गलती करने वाले बच्चे को जरूरत से ज्यादा डांट लगाते हैं और इससे भाई बहन के बीच लड़ाइयां कम होने की बजाय बढ़ने लगती हैं।आपको कभी भी इस बात को बढ़ावा नहीं देना है कि दोनों के बीच पहले लड़ाई किसने शुरू की थी बल्कि इस बात को देखना है कि दोनों के व्यवहार में कमी है और दोनों को उनकी गलती का एहसास दिलाना जरूरी है। दोनों को इस बात का एहसास दिलाएं कि दोनों ने बराबर गलती की है और दोनों का ही व्यवहार गलत था। इसलिए बच्चों को समझाना जरूरी है कि उनका आपस में बात करके उस व्यवहार को ठीक करना जरूरी है। (बात-बात पर जिद करता है बच्चा तो खुद की गलती पर करें गौर)
बिहेवियर शेपिंग है जरूरी
दो बच्चों के बीच होने वाले झगड़े में उनके बिहेवियर के बारे में दोनों को सजग करना और ये बताना कि उन दोनों का ही व्यवहार चाहे वो उनके बोलने के तरीका हो, चाहे दोनों के बीच मार-पीट का ढंग हो या फिर बड़ों से बात करने का तरीका हो। बच्चों को उनके बिहेवियर के बारे में बताना बिहेवियर शेपिंग कहलाता है। बिहेवियर शेपिंग से बच्चों में होने वाले झगडे काफी कम किए जा सकते हैं।
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बच्चों के साथ रिश्ते करें मजबूत
दोनों पेरेंट्स को चाहिए कि वो बच्चों के साथ आपसी रिश्तों को मजबूत रखें। जैसे माता का बच्चे के साथ और पिता का हर एक बच्चे के साथ रिश्ता मजबूत होना चाहिए। यही नहीं बच्चों के आपस में भी रिश्ते अच्छे होने चाहिए। बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दें। किसी ऐसी एक्टिविटी में इन्वॉल्व हों जो सबको पसंद हो जैसे इनडोर गेम्स, स्पोर्ट्स, टीवी देखना, रीडिंग करना एक साथ करें और बच्चों के साथ ग्रुप डिस्कशन करें।
बच्चों को प्रोजेक्ट्स दें
दोनों या तीनों बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार प्रोजेक्ट्स दें और उन्हें घर की जिम्मेदारियों में इन्वॉल्व करें। बच्चों को ये एहसास दिलाएं कि घर के कुछ ऐसे काम हैं जिनकी पूरी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है और उसे कुशलता पूर्वक निभाना चाहिए। बच्चों को एक साथ खेलने के लिए कहें और बच्चों के (बच्चों को मोटिवेट करने के लिए fun ideas)साथ घर की जिम्मेदारियों में इन्वॉल्व होने की कोशिश करें।
यहां बताए एक्सपर्ट के कुछ आसान टिप्स को अपनाकर आप बच्चों के बीच की लड़ाइयों से छुटकारा पा सकती हैं और Sibling Rivalry को आपसी प्रेम में बदल सकती हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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