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controversy between indian court and chatgpt

ChatGPT को लेकर इंडियन कोर्ट में चल रहा है बवाल, क्या Tiktok की तरह बंद हो सकता है OpenAI?

इन दिनों दिल्ली हाई कोर्ट में एक ऐसा मामला चल रहा है, जिसमें न्यूज एजेंसी ANI और OpenAI आमने-सामने हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है?
Editorial
Updated:- 2025-01-24, 17:10 IST

क्या AI को प्रशिक्षित करने के लिए कॉपीराइट किए गए कॉन्टेंट का इस्तेमाल उल्लंघन माना जाएगा? इस सवाल को लेकर दुनियाभर में बहस चल रही है और अब इसका हिस्सा भारत भी बन चुका है। ChatGPT कई जगहों की तरह ही भारत में भी कानूनी मुसीबत में फंस गया है। 

आज हम इस आर्टिकल में आपको बताने वाले हैं कि ANI ने किस मामले में OpenAI पर मुकादमा दर्ज कराया है। 

ANI ने OpenAI पर दर्ज किया मुकादमा 

दरअसल, 19 नवंबर 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट में इंडियन न्यूज एजेंसी(ANI) ने OpenAI पर अपने ChatGPT भाषा मॉडल को ट्रेनिंग देने के लिए ऑथराइजेशन के बिना ANI के प्रकाशित कॉन्टेंट का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा, कंपनी ने दावा किया था कि ChatGPT ऐसे जवाब देता है, जो काफी हद तक हमारे कॉन्टेंट से मिलते हैं। इससे कॉपीराइट कानून के संभावित उल्लंघन और Intellectual Property के अनऑथराइज्ड इस्तेमाल को लेकर चिंताएं पैदा होती हैं।

ANI ने एक उदाहरण भी पेश किया था, जिसमें उसने बताया कि ChatGPT ने कथित तौर पर दावा किया कि राहुल गांधी ने ANI को एक इंटरव्यू दिया, जबकि ऐसा कोई इंटरव्यू नहीं हुआ था। ANI का दावा है कि इस तरह के झूठे आरोप उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और रिपोर्टिंग की एक्यूरेसी को कमजोर करते हैं। वहीं, ANI ने ChatGPT की मेमोरी से अपने डेटा को डिलीट करने और इस बात का आश्वासन मांगा कि फ्यूचर में ऐसे किसी भी कॉन्टेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाए।

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OpenAI ने दिए तर्क 

वहीं, 10 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट में 86 पन्नों की फाइल पेश करते हुए OpenAI ने ANI के दावों के खिलाफ मजबूती से बचाव किया, जिसमें कहा गया कि AI, ANI के कॉन्टेंट को कॉपी करके नहीं देता है, बल्कि पब्लिकली मौजूद कॉन्टेंट समेत डेटा सोर्स के आधार पर प्रतिक्रियाएं देता है। 

आगे कहा कि वह USA में इसी तरह के मुकदमे का सामना कर रहा है। इसलिए, अमेरिकी कानून के तहत चल रही सुनवाई के दौरान ट्रेनिंग डेटा को संरक्षित करने की जरूरत है, जिसकी वजह से कुछ भी डिलीट करने का अनुरोध कानूनी रूप से रिजेक्ट हो जाता है। OpenAI ने यह भी कहा कि ऐसी मांगों  का पालन करना संभावित रूप से अमेरिकी कानून के तहत, उसके दायित्वों का उल्लंघन कर सकता है। हालांकि, OpenAI ने कहा कि ट्रेनिंग उद्देश्यों के लिए ANI के कॉन्टेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। 

OpenAI ने की कॉमर्शियल पार्टनरशिप

openAI Delhi High Court

इस पर ANI ने दलील पेश करते हुए कहा कि ChatGPT की मेमोरी में कन्टीन्यूड प्रिजेंस को रोकने के लिए पहले से मौजूद डेटा को डिलीट किया जाना चाहिए। ANI ने संभावित अनुचित कॉम्पटीशन के बारे में भी चिंता जताई, जिसमें Time magazine, The Financial Times और Axel Springer जैसी समाचार एजेंसियों के साथ ओपनएआई कॉमर्शियल पार्टनरशिप का उल्लेख किया गया। ANI ने आगे कहा कि इस तरह की पार्टनशिप, OpenAI को इन सोर्सेज से कॉन्टेंट दिखाने में सक्षम बनाते हैं, जिससे कॉम्पटीशन काफी बढ़ रहा है और यह अनुचित है।  

OpenAI ने किया बचाव 

फिर, OpenAI ने अपने बचाव में कहा कि ANI ने कॉपीराइट उल्लंघन के दावों को साबित करने के लिए अपने ही आर्टिकल्स के शब्दों को हूबहू ChatGPT में डालकर नतीजों को अपने पक्ष में दिखाने की कोशिश की। कंपनी ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह भारत में स्थित किसी भी ऑफिस या डेटा स्टोरेज सर्वर के साथ काम नहीं करती है, जिसकी वजह से दिल्ली हाई कोर्ट में कार्रवाई नहीं की जा सकती है। 

28 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई 

जवाब में, ANI ने तर्क दिया कि दिल्ली हाई कोर्ट के पास मामले में निर्णय लेने का अधिकार है और वह OpenAI के दावों का खंडन करने की ताकत रखता है। वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने शुरू में ओपनएआई को नोटिस और समन जारी किया था। अदालत ने कानूनी कार्यवाही में मदद के लिए एक Amicus Curiae  नियुक्त करने का फैसला किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मामले पर सभी रेलीवेंट पर्सपेक्टिव के साथ विचार किया गया है। सुनवाई की अगली तारीख 28 जनवरी 2025 है, जिससे दोनों पक्षों को अपने तर्क और सबूत तैयार करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा। 

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USA में भी चल रहा मुकदमा 

ANI OpenAI Contro

आपको बता दें कि भारत ही नहीं, बल्कि USA में OpenAI, द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा दायर हाई-प्रोफाइल मुकदमे से जूझ रहा है, जिसमें कंपनी पर कॉपीराइट कॉन्टेंट के अनऑथराइज्ड इस्तेमाल का आरोप लगाया गया है। 

इस तरह के मुकदमे AI युग में मीडिया संगठनों के अधिकारों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को समाने ला रहे हैं। जैसे-जैसे AI टेक्नोलॉजी आगे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे कॉन्टेंट एक्यूरेसी और उसकी प्रमाणिकता का दावा करने को लेकर ज्यादा कानूनी लड़ाइयां समाने आएंगी। 

OpenAI ने उठाई फंडिंग 

वहीं दूसरी तरफ, OpenAI ने नॉन-प्रोफिट रिसर्च ऑर्गनाइजेशन से खुद को प्रोफिट इंटरप्राइज बना लिया है, उसने AI रेस में अपनी बढ़त बनाए रखने के लिए पिछले साल, 6.6 बिलियन डॉलर की फंडिंग की थी और अपने AI मॉडल में कॉन्टेंट को जमा करने के लिए मुख्य ग्लोबल मीडिया आउटलेट्स के साथ एग्रीमेंट्स पर सिग्नेचर किए हैं। 

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Image Credit - freepik, Herzindagi 

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