What Is Cloudburstउत्तराखंड में कल दोपहर को बादल फटने से आई बाढ़ ने उत्तराखंड में हिंदू तीर्थस्थल गंगोत्री धाम को जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 34 के किनारे भागीरथी नदी के पास धराली नामक गांव के बड़े हिस्से को बहा दिया। उत्तराखंड में आई इस बाढ़ के बाद 100 से अधिक लोगों के लापता हो चुके हैं। घटना के तुंरत बाद से बचाव कार्य जारी है, जबकि उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की घटना को 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं। अब ऐसे में पहला सवाल जो मन में आता है कि आखिर बादल फटने की स्थिति कब और कैसे बनती है, जिससे इतना बड़ा नुकसान होता जाता है। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि Cloudburst क्या है और कितने लीटर पानी एक मिनट में गिरता है।
बादल फटने वाले शब्द से हम सभी वाकिफ हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि 'क्लाउडबर्स्ट' किसे कहते हैं। बादल फटना, बहुत कम समय में होने वाली मूसलाधार बारिश को कहते हैं। यह सामान्य बारिश से काफी अलग होता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, जब किसी छोटे से लगभग 20-30 वर्ग किलोमीटर में एक घंटे में 100 मिलीमीटर या उससे ज्यादा बारिश होती है, तो उसे बादल फटना कहा जाता है। आमतौर पर जब हम बादल फटना सुनते हैं, तो हमें लगता है कि बादल का कोई हिस्सा टूटकर गिर गया है। लेकिन आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
दरअसल इसका कारण बादलों में अचानक और भारी मात्रा में नमी का जमा होना है। यह घटना अक्सर पहाड़ी इलाकों में होती है जहां नमी से भरी हवाएं पहाड़ों से टकराकर ऊपर उठती हैं
अब दूसरा सवाल ऐसा आता है कि यह कैसे और क्यों होता है। बता दें कि जब ऊपर जाने पर हवाएं तेजी से ठंडी होती हैं तो पानी की बूंदें जल्दी-जल्दी बनती और बड़ी होती जाती हैं। इसके बाद जब हवा का बहाव धीमा हो जाता है तो वह इन भारी बूंदों को रोक नहीं पाता और वे एक साथ बहुत तेजी से जमीन पर गिरती हैं। इस वजह से अचानक बाढ़, भूस्खलन और भारी तबाही मच सकती है।
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आमतौर पर क्लाउट बर्स्ट होने पर एक घंटे के भीतर 100 मिलीमीटर लगभग 4 इंच या उससे ज्यादा बारिश हो सकती है। सरल भाषा में उदाहरण के हिसाब से समझाएं तो 100 मिलीमीटर बारिश का मतलब है कि एक वर्ग मीटर क्षेत्र में 100 लीटर पानी गिरना है। जब इसी मात्रा को एक छोटे से पहाड़ी क्षेत्र पर लागू किया जाए, तो यह कुछ ही मिनटों में अरबों लीटर पानी हो सकता है।
यही कारण है कि बादल फटने से अचानक बाढ़, भूस्खलन और भारी तबाही मचती है, क्योंकि इतनी बड़ी मात्रा में पानी को जमीन सोख नहीं पाती और नदियां और नाले इसे संभाल नहीं पाते और बड़ी तबाही का कारण बनते हैं।
एक मिनट में गिरने वाले पानी की मात्रा को सटीक रूप से बताना मुश्किल है क्योंकि यह बादल फटने की तीव्रता और क्षेत्र पर निर्भर करता है। लेकिन,हम इसका अनुमान लगा सकते हैं-
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