सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता होने के नाते सोने और सोने से बने गहने में निवेश करना हमेशा से भारत में एक पसंदीदा विकल्प रहा है। भारतीय महिलाएं सोनेको खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाती है। इस पीली धातु को लेकर महिलाओं में एक अलग सा क्रेज देखने को मिलता है क्योंकि यह धन, समृद्धि, स्टेटस को दर्शाता है।
गहने के अलावा, लोग नए निवेश के उद्देश्य के लिए सोने के सिक्के खरीदते रहते हैं। ऐसा करना, न केवल खरीदारी के समय बल्कि जब भी इसके रख रखाव और रिडीमिंग की बात आती है, तो एक महंगा अफेयर हो सकता है। अगर मैं बात अपनी करू तो गहने खरीदने पर पैसा खर्च करने के बजाय मैं ईटीएफ के माध्यम से इसमें निवेश करना पसंद करती हूं। ऐसा करने के कई फायदे भी हैं जिसका मैं यहां जिक्र करने जा रहू हूं।
भौतिक सोना (Physical gold) खरीदने में रख रखाव, बीमा, प्रोसेसिंग फीस, ट्रांसेक्शन फीस के अलावा खरीद और बिक्री से जुड़े मार्कअप सहित कई लागतें शामिल होती हैं। ये सभी खर्चे उन्हें ज्यादा प्रभावित नहीं कर सकते हैं जो सोने को अपने पोर्टफोलियो में एक छोटा सा हिस्सा बनाकर निवेश करना चाहते हैं। पर ऐसे निवेशक, जो अपने पोर्टफोलियो का एक बड़ा हिस्सा सोने में आवंटित करने की सोचते हैं, उनके लिए ये खर्चे काफी मायने रखते हैं और निश्चित रूप से उन पर यह एक नकारात्मक प्रभाव डालता है।(नो-कॉस्ट EMI का क्या है फंडा? जानें सच्चाई)
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जब सोने के निवेश के गैर-भौतिक रूप (non-physical form) की बात आती है, तो हमारे पास सीमित विकल्पही उपलब्ध हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में, गोल्ड ईटीएफ भारत में निवेशकों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प के रूप में उभरा है। गोल्ड ईटीएफ सूचीबद्ध योजनाएं हैं जो अंतर्निहित सोने के बुलियन में निवेश करती हैं। ये प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध हैं और ट्रेड भी कर रहे हैं। गोल्ड ईटीएफ इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखे जाते हैं, जहां एक इकाई, सोने के एक ग्राम के बराबर होती है। इसके अतिरिक्त, अंतर्निहित सोना 99.5% शुद्ध भी होता है।
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गोल्ड ईटीएफ की व्यापक स्वीकृति के कई कारण हैं। ईटीएफ, निवेशकों को सोने का उपयोग करने की अनुमति देता है, जबकि लागत और मार्कअप, स्टोरेज लागत और भौतिक सोने को धारण करने के सुरक्षा जोखिमों की असुविधा से बचाता हैं। इसके अलावा, ईटीएफ को दिन के व्यापारिक घंटों के दौरान कभी भी एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जा सकता है, जिससे लेनदेन में आसानी बढ़ जाती है।
नीचे दिए गए एक तुलनात्मक तालिका है जिसमें दिखाया गया है कि भौतिक सोने की तुलना में गोल्ड ईटीएफ कैसे आगे निकल जाते हैं।
सोना हमेशा हमारे दिलों में एक विशेष स्थान रखता है और इससे भी महत्वपूर्ण बात, आर्थिक रूप से स्वतंत्र नए युग की महिलायें क्यों ना खुद की मेहनत से हासिल धन का चार्ज लें और नियमित रूप से छोटी मात्रा के साथ गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना शुरू करें। अक्सर महिलाओं को लगता है कि सोने में निवेश करने के लिए भारी पूंजी की आवश्यकता होती है जो सही नहीं है और अब तो गोल्ड ईटीएफ जैसे उत्पाद मार्केट में भी उपलब्ध हैं ।
अब आप सोने में हर महीने 1,000 रुपये से भी निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से बिना किसी लाग लपेट के और भारी पैसे खर्च कर कोई भी निवेश कर सकता है। यह निवेश पूरी तरह से सुरक्षित, आसान और टेंशन फ्री वाला हैं। इस बात की जानकारी Chintan Haria, Head Investment Strategy, ICICI Prudential AMC ने दी है।
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