नो-कॉस्ट EMI का क्या है फंडा? जानें सच्चाई

क्या आप भी नो कॉस्ट EMI का आनंद उठाने का सोच रही हैं। इस सुविधा को लेने से पहले इससो जुड़ी कुछ मुख्य बातों को जान लें। शायद इन जानकारी के बाद आप भी इससे जुड़े बातों को समझ जाएंगे। 

Manisha Verma
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EMI यानी इक्वेटेड मंथली इंस्टॉल, इसे आप साधारण शब्दों में किस्त भी बोल सकती हैं। अगर कोई सामान काफी ज़्यादा महंगा होता है तो हम उसे EMI पर खरीदते हैं। कार से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट तक सभी कुछ अब EMI पर मिलता है। ऐसे में जो भी प्रोडक्ट आप खरीद रहे हैं उसका पूरा पेमेंट आपको उस समय नहीं करना होता है बल्कि आप उसे धीरे- धीरे करके दे सकते हैं।

क्या EMI सही ऑप्शन है

ऐसे में बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि EMI उनके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। कई लोग EMI में नो कॉस्ट EMI का विकल्प भी चुनते हैं। क्या आपको नो कॉस्ट EMI के बारे में सभी कुछ पता है। आज हम इसके बारे में आपको सब कुछ बताने वाले हैं।

क्या है नो कॉस्ट EMI

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नो कॉस्ट EMI ग्राहकों को लुभाने का एक माध्यम है। लोगों को ऐसा लगता है कि इसमें आपको ब्याज नहीं देना पड़ेगा लेकिन यह पूरी तरीक़े से गलत है। कोई भी कंपनी बिना अपने फायदे के आपको फायदा नहीं देगी। नो कॉस्ट EMI में आपको किसी भी तरह का डिस्काउंट नहीं मिलता है। वह प्रोडक्ट जिस दाम में होता है आपको उसी दाम में दिया जाता है। ऐसे में जो ब्याज बनता है वो प्रोडक्ट के कॉस्ट में ही शामिल कर लिया जाता है। ( होम लोन लेने पर मिलते हैं ये फायदे

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कंपनियां होती है चालाक

यह कंपनियां काफ़ी ज़्यादा चालाक होती है आपको पता ही नहीं लगने देती है और आपसे प्रोडक्ट में ही EMI का भी पैसा निकलवा लेती है। ऐसे में क्या अब भी आप नो कॉस्ट EMI का विकल्प चुनना चाहेगी। चलिए इसके बारे में और भी विस्तार से जानते हैं।

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बिना ब्याज नहीं मिलती EMI

आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने साल 2013 में ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि कोई भी बैंक बिना ब्याज की लोन नहीं देगा। अगर बात क्रेडिट कार्ड की आउटस्टैंडिंग अमाउंट की करें तो नो कॉस्ट EMI में ब्याज की रकम की वसूली अक्सर प्रोसेसिंग फीस के जरिए की जाती है। आसान भाषा में कहा जाए तो नो कॉस्ट EMI में कर्ज़ की लागत ब्याज के ज़रिए वसूली जाती है। हमें पता भी नहीं चलता और हम ब्याज चुका देते हैं।

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