रमजान के पाक महीने की शुरुआत हो गई है। यह पूरा महीना इबादत वाला होता है। लोग इसमें कसरत से इबादत करते हैं। अल्लाह को हर हाल में राजी करते हैं, और करें भी क्यों न, जब अल्लाह ने इस महीने को बंदे की बख्शिश और गुनाहों की तौबा करने के लिए अता फरमाया है। रमजान में 30 दिनों का रोजा रखने के साथ ही, 5 वक्त की नमाज, तरावीह और शब-ए-कदर में अल्लाह को राजी किया जाता है। इसके साथ ही इस महीने में एक बेहद खास नमाज पढ़ी जाती है। इसका नाम है तहज्जुद। आइए इस आर्टिकल में समझते हैं, आखिर तहज्जुद है क्या? इसकी खासियत क्या है? इसे कैसे पढ़ा जाता है।
तहज्जुद क्या है (Tahajjud Kya Hai)
तहज्जुद की नमाज इस्लाम में सबसे खास है। अल्लाह को यह नमाज बहुत पसंद है। यह सबसे फजीलत वाली इबादतों में से एक मानी जाती है। यह एक नफिल नमाज है, यानी आप अपनी मर्जी से पढ़ भी सकते हैं और नहीं भी। इसे रात के अंतिम पहर में पढ़ा जाता है। कुरान और हदीस में इस नमाज को अल्लाह के सबसे करीब लाने वाली नमाज बताया गया है। रमजान में इसका सवाब और भी बढ़ जाता है।
तहज्जुद की नमाज का समय (Tahajjud Time)
पैगंबर मोहम्मद तहज्जुद की नमाज पढ़ा करते थे। उन्होंने कहा है, कि तुम्हें रात की नमाज यानी तहज्जुद की नमाज पढ़नी चाहिए। क्यों यह नेक लोगों की आदत है और इससे अल्लाह की रहमत मिलती है।तहज्जुद की नमाज आधी रात के बाद से लेकर फज्र की अजान से पहले तक किसी भी समय पढ़ी जा सकती है। तहज्जुद की नमाज पढ़ने के लिए आप एक नींद सो लें, उसके बाद उठें और नमाज पढ़ें। रमजान में सहरी से पहले का वक्त सबसे अच्छा माना जाता है।
तहज्जुद के नमाज़ की नियत (Tahajjud Namaz ki Niyat)
- तहज्जुद की नाम की नियत बिल्कुल बाकी नमाज की नियत की तरह होती।
- नियत करने के लिए आप को कहना है या अल्लाह मैं नियत करता हूं या करती हूं 2/4/6/8/12 रकात नमाज नफिल तहज्जुद, वास्ते अल्लाह ता-आला के, मुंह मेरा काबा-ए- शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर
- आप अपनी सहूलियत के हिसाब इस इस नमाज को 2/4/6/8/12 रकात पढ़ सकते हैं।
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तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने का तरीका (Tahajjud ki Namaz ka Tarika)
- तहज्जुद की नमाज पढ़ने के लिए आप सबसे पहले उठें और वजू करें।
- शांत जगह पर मुसल्ला बिछाएं।
- अब ऊपर बताए गई नियत को पढ़ें।
- सूरह फातिहा पढ़े और इसके बाद कोई भी सूरह पढ़ें
- रुकू में जाएं, सजा करें और फिर दूसरी रकात पढ़ें।
- इसी तरह से अपनी नमाज को पूरा करें।
- आखिर में सच्चे दिल से खुद के लिए और दूसरों के लिए दुआ करें।
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Image Credit:Freepik
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