इस्लाम में चांद का खास महत्व है। चांद देखने के बाद ही किसी त्योहार को मनाया जाता है। रमजान का महीना चांद देखने के साथ ही आरंभ होता है। चांद दिखने के अगल दिन से रोजे की शुरुआत होती है। बता दें, कि जिस तरह से रमजान का महीना बेहद खास होता है, ठीक उसी तरह से रमजान का चांद देखना भी खास होता है। चांद देखने के मौके पर खास दुआएं पढ़ी जाती है, जिससे अल्लाह की रहमत और बरकत हसिल होती है। लोग चांद देखने के बाद दुआएं पढ़ कर अपनी मुराद अल्लाह से मांगने हैं, और कहा जाता है कि मुरादें पूरी भी होती है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि रमजान का चांद देखने के बाद कौन- सी दुआएं पढ़ी जाती है और इसकी क्या अहमियत हैस तो हम आपको इस लेख के लिए इससे जुड़ी सारी जानकारी दे रहे हैं।
रमजान का चांद देखने के लिए लोग तैयारी करते हैं। लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ चांद देखते हैं। यह एकजुटता और समर्पण को समर्थ करती है। चांद देखने के साथ ही बंदे के लिए रहमत का दरवाजा खुलता है। अल्लाह की बरकत हासिल होती है।
अल्लाहुम्मा अहलिल्हु अलैना बिल युम्नी वल-ईमान , वस-सलामती वल इस्लाम, रब्बी वा रब्बुक अल्लाह
اللاہُمّا اَہلِلُہ الائنا بل یومنی ول-ایمان، وس-سلامتی ولاسلام، ربی یا ربّک اللہ
Allahumma Ahlilhu Alaina Bill Yumni Wal-Iman, Was-Salamati Wal Islam, Rabbi wa Rabbuk Allah
इसका मतलब होता है। ऐ अल्लाह!हम पर इस चांद को अमन और ईमान, सलामती और इस्लाम, और उस चीज की तौफीक के साथ तुलु फरमा, जो आप पसंद करते हैं और जिसमें आपकी रजा है। बेशक मेरा और तेरा रब अल्लाह है।
रमजान का चांद नजर आते ही रहमतों का दरवाजा खुल जाता है। चांद देखने के बाद रमजान में कोई बंदा, अगर कोई नेकी करता है, तो उसका कई गुना सवाब मिलता है।
दआओं की कबूलियत जल्दी होने लगती है। चांद देखने के बाद बंदा अपने रब से अपने गुनाहों की माफी मांगता है और पूरे महीने इबादत की तौफीक मांगता है। अपनी ख्वाहिशों का इजहार करता है। इश दौरान आप दौलत, रोजी, बरकत अता करने की दुआ मांग सकते हैं और आपकी दुआ कबूल भी होती है।
जानकार बताते हैं कि सिर्फ रमजान मे ही नहीं बल्कि हर महीने नए चांद को देखकर मोहम्मद मुसतफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम इस दुआ को बढ़ा करते थे। आप भी इस दुआ को हर महीने चांद देख कर दुआ पढ़ सकते हैं।
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दुआ करने के लिए सबसे पहले वुजू करके, मगरिब की नमाज अदा करें। अब जहां से भी चांद नजर आए, वहां जाएं। बिसमिल्लाह कहें, और चांद को देखते हुए दिल में 7 बार य दुआ पढ़ें। अल्लाह से अपनी ख्वाहिशों के लिए सच्चे दिल से दुआ मांगें। दुआ में अपने गुनाहों की माफी जरूर मांगे, ताकि अल्लाह की रहमत और बरकत आप पर बनी रहें। अगर आप चांद नहीं भी देख पाते हैं, फिर भी यही दुआ करें।
इसके अलावा, रमजान का चांद देखने के बाद कुरान शरीफ के 26वें पारे की सुरह फतह पढ़ें। यह सुरह पढ़ने से न केवल अल्लाह की रहमत मिलती है, बल्कि सालभर रिज्म में बेरकत भी बनी रहती है।
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