कुंभ संक्रांति हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत अधिक है। यह त्योहार सूर्य भगवान को समर्पित है, और इस दिन लोग उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं, तो कुंभ संक्रांति मनाई जाती है। कुंभ संक्रांति को एक पवित्र त्योहार माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है। अब ऐसे में कुंभ संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
कुंभ संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा के लिए सामग्री
- सूर्य यंत्र
- लाल फूल
- लाल चंदन
- अक्षत
- धूप
- दीप
- नैवेद्य
- तांबे का लोटा
- तांबे की थाली
कुंभ संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा किस विधि से करें?
- कुंभ संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल, अक्षत, रोली और फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
- अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्रों का जाप करें। आप "ऊं सूर्याय नमः" या "ऊं घृणि सूर्याय नमः" जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
- सूर्य चालीसा का पाठ करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
- कुंभ संक्रांति के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें। आप अन्न, वस्त्र, या धन का दान कर सकते हैं।
- कुंभ संक्रांति के दिन व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति को पुण्य फलों की प्राप्ति हो सकती है।
- सूर्य देव को फल, मिठाई और घर पर बने प्रसाद का भोग अर्पित करें।
- आखिर में सूर्यदेव की कपूर से आरती करें। इससे व्यक्ति को लाभ हो सकता है और मान-सम्मान में भी वृद्धि हो सकती है।
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कुंभ संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा का महत्व
कुंभ संक्रांति एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जब सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करता है। यह माघ माह में आता है और इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है। कुंभ संक्रांति के दिन गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन दान-पुण्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। सूर्यदेव को ऊर्जा और जीवन का स्रोत माना जाता है। कुंभ संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति को शक्ति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। सूर्यदेव की पूजा करने से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है। सूर्यदेव की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कुंभ संक्रांति के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने और उनकी पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सूर्यदेव की कृपा से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।
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Image Credit- HerZindagi
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