नियमित रूप से सूर्य को जल चढ़ाना घर की समृद्धि के लिए बहुत शुभ माना जाता है। हम इसे पूजा -पाठ का ही विशेष हिस्सा समझते हैं। सूर्य को अर्घ्य देना ज्योतिष में जितना जरूरी बताया गया है, वहीं इसके कई अन्य वैज्ञानिक कारण भी हैं।
हमारे धर्म शास्त्रों में कई ऐसे प्राचीन रीति रिवाज हैं जिनका बहुत अधिक महत्व बताया गया है। उन्हीं में से एक है सूर्य को जल चढ़ाना। यह एक ऐसा विधान है जिससे न सिर्फ मानसिक लाभ मिलते हैं, बल्कि शारीरिक ऊर्जा भी प्राप्त होती है।
शास्त्रों के अनुसार सूर्य को जल चढ़ाने के कुछ विशेष नियम और सही समय बताया गया है, जिसका पालन आपको कई शुभ लाभ देता है। अगर आप नियमित सूर्य को जल देते समय नियमों का पालन करते हैं तो आपको इसके सभी समय के बारे में भी जनाना चाहिए। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें सूर्य को अर्घ्य देने का सबसे शुभ समय कौन सा है।
सूर्य को अर्घ्य देने का सही समय समय क्या है?
शास्त्रों की मानें तो सूर्य अर्घ्य का यह अनुष्ठान सुबह जल्दी सूर्योदय के समय ही किया जाना है। इस शुभ कार्य से पहले आपको स्नान करना चाहिए और अर्घ्य देने से पहले कुछ भी खाना नहीं चाहिए।
यदि आप उगते हुए सूरज को अर्घ्यदेंगी तो आपको कई तरह के लाभ होने के साथ विभिन्न समस्याओं से मुक्ति भी मिलेगी। कभी भी आपको सूर्य को उस स्थिति में जल नहीं देना चाहिए जब सूर्य मध्याह्न अवस्था में हो।
इस समय को अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है और इस मुहूर्त में कोई भी पूजा पाठ नहीं किया जाता है। यही वजह है कि इस समय पर मंदिर भी बंद होते हैं और पूजा पाठ भी नहीं किया जाता है। इसलिए अर्घ्य देने के लिए भी आपको सबसे पहले सही समय यानि कि प्रातः काल को ही ध्यान में रखना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि सुबह-सुबह आपके शरीर में शांति और ऊर्जा सबसे ज्यादा होती है, इसलिए आपको इसी समय अर्घ्य देने का पूर्ण लाभ मिलता है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य को जल देने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय के एक घंटे के भीतर ही होता है और यह सबसे ज्यादा फलदायी भी माना जाता है।
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सूर्य को अर्घ्य किस तरह से देना शुभ होता है?
जब आप सूर्य को अर्घ्य देते हैं तब आपको सबसे पहले स्नान करना चाहिए और साफ़ वस्त्रों को धारण करते हुए जल चढ़ाना चाहिए। यदि आप अर्घ्य देने से पहले अन्न-जल ग्रहण न करें तो आपके लिए विशेष रूप से फलदायी होता है।
सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तांबे का लोटा सबसे अच्छा पात्र माना जाता है और इसमें यदि आप कुमकुम और अक्षत मिलाकर जल देती हैं तो पूजा का पूर्ण फल मिलता है। सूर्य को अर्घ्य देने से पूर्व एक ऐसा स्थान चुनें जहां से सूर्य की किरणें साफ़ दिखाई दें। आपके लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल देने में सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।
अर्घ्य देते समय आप नंगे पैर खड़े हो जाएं और धीरे-धीरे पानी के प्रवाह के माध्यम से सूर्य को देखते हुए कम से कम एक मिनट के लिए धीरे-धीरे जल की बूंदें नीचे छोड़ते हुए अर्घ्य दें। इसके साथ आप आदित्य ह्रदय स्रोत का पाठ करते हुए सूर्य के मंत्र पढ़ते हुए यदि जल देती हैं तो आपके लिए बहुत शुभ होता है।
किस दिन सूर्य को अर्घ्य देना सबसे ज्यादा शुभ होता है?
सूर्य को अर्घ्य देने का सबसे शुभ दिन रविवार को माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि यदि आप नियमित रूप से सूर्य को जल न भी दें तब भी आपको रविवार के दिन जरूर देना चाहिए। इससे सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और आपका शरीर ऊर्जावान बना रहता है।
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सूर्य को जल देते समय यदि आप विशेष समय का ध्यान रखेंगी तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: freepik.com
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