Kumbh Sankranti 2025: कुंभ संक्रांति के दिन सूर्य यंत्र की पूजा किस विधि से करें?

हिंदू धर्म में कुंभ संक्रांति का पर्व सूर्यदेव को समर्पित है। इस दिन सूर्ययंत्र का पूजा करने का विधान है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य से विस्तार से सूर्य यंत्र की पूजा विधि के बारे में जानते हैं।
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हिंदू धर्म में, कुंभ संक्रांति को एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। यह त्योहार भगवान सूर्य को समर्पित है और इसे उनकी पूजा-अर्चना के साथ मनाया जाता है। कुंभ संक्रांति हर साल माघ महीने में मनाई जाती है, जब सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करता है। कुंभ संक्रांति को एक पवित्र त्योहार माना जाता है। इस दिन, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह माना जाता है कि इस दिन स्नान करने और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। कुंभ संक्रांति के दिन, लोग व्रत भी रखते हैं और भगवान सूर्य की पूजा-उपासना करते हैं। कुंभ संक्रांति को एक धार्मिक त्योहार माना जाता है। यह त्योहार भगवान सूर्य को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में ऊर्जा और जीवन के स्रोत माने जाते हैं। यह माना जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति को शक्ति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। आपको बता दें, कुंभ संक्रांति के दिन सूर्ययंत्र की पूजा का विधान है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

कुंभ संक्रांति के दिन सूर्ययंत्र की पूजा के लिए सामग्री

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  • सूर्य यंत्र
  • लाल फूल
  • लाल चंदन
  • अक्षत
  • धूप
  • दीप
  • नैवेद्य
  • तांबे का लोटा
  • जल
  • दूध
  • दूर्वा
  • तिल
  • गाय का घी
  • कपूर
  • रोली
  • मोली
  • चावल
  • मिठाई
  • फल
  • पंचामृत
  • गंगाजल

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कुंभ संक्रांति के दिन सूर्ययंत्र की पूजा किस विधि से करें?

  • कुंभ संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
  • साफ वस्त्र धारण करें।
  • एक तांबे की थाली में सूर्य यंत्र स्थापित करें।
  • यंत्र को गंगाजल से शुद्ध करें।
  • यंत्र के चारों ओर लाल फूल और चंदन लगाएं।
  • यंत्र के सामने धूप और दीप जलाएं।
  • सूर्य देव का ध्यान करें।
  • सूर्य मंत्रों का जाप करें। आप "ॐ सूर्याय नमः" या "ॐ घृणि सूर्याय नमः" जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
  • सूर्य यंत्र को जल अर्पित करें।
  • यंत्र पर लाल फूल, अक्षत और चंदन अर्पित करें।
  • यंत्र के सामने धूप और दीप जलाएं।
  • सूर्य देव को गुड़ और चावल का भोग लगाएं।
  • सूर्य चालीसा का पाठ करें।
  • अपनी मनोकामनाएं सूर्य देव से कहें।
  • अंत में, सूर्य देव को प्रणाम करें।
  • कुंभ संक्रांति के दिन सूर्य यंत्र की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
  • इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना बहुत शुभ माना जाता है।

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कुंभ संक्रांति के सूर्य यंत्र की पूजा का महत्व क्या है?

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सूर्य यंत्र की पूजा करने से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है। यह यंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। सूर्य यंत्र की पूजा से नौकरी और व्यवसाय में सफलता मिलती है। यह यंत्र स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए भी बहुत लाभदायक है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है।
आप सूर्य देव के मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं।

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Image Credit- HerZindagi

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