herzindagi
know about lord surya dev family

जानिए सूर्यदेव के परिवार के बारे में कुछ खास बातें

हिंदू धर्म में सूर्य भगवान की पूजा का विशेष महत्व है।सूर्यदेव को सृष्टि का जीवनदाता माना जाता है। सूर्य देव का परिवार भी काफी विशाल है। चलिए आपको सूर्यदेव के परिवार के बारे में बताते हैं।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-08-16, 12:39 IST

सूर्यदेव को वेदों में जगत की आत्मा और ईश्वर का नेत्र बताया गया है। सूर्यदेव को जीवन, स्वास्थ्य और शक्ति के देवता के रूप में पूजा जाता है। कई लोग सूर्यदेव की विशेष पूजा भी करते हैं। मान्यताओं के अनुसार सूर्यदेव की उपासना करने से जीवन में सफलता मिलती है। चलिए आज हम आपको सूर्य देव के परिवार के बारे में बताते हैं। 

सूर्यदेव की पत्नियां और संतान कौन-कौन हैं?

interesting things about lord surya dev family

भगवान श्री राम के पूर्वज माने जाने वाले सूर्य देव की दो पत्नियां संज्ञा और छाया हैं। सूर्यदेव का विवाह विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से हुआ है। संज्ञा सूर्य का तेज न सह पाने के कारण अपनी छाया को उनकी पत्नी के रूप में स्थापित करके तप करने चली गई थीं और लंबे समय तक छाया को ही अपनी प्रथम पत्नी समझ कर सूर्य उनके साथ रहते रहे।

यह बात बहुत बाद में उन्हें पता चली कि वह संज्ञा नहीं छाया है। संज्ञा से सूर्य को जुड़वां अश्विनी कुमारों के रूप में दो बेटों सहित छह संतानें हुईं जबकि छाया से उनकी चार संतानें थीं। मनुस्मृति के रचयिता वैवस्वत मनु भी सूर्यपुत्र और शनिदेव ही माने जाते हैं। भगवान सूर्य की कुल दस संताने हुई। 

 इसे जरूर पढ़ें-सूर्य देव को जल देते समय इन नियमों का रखें ध्यान

सूर्यदेव और छाया की संतान कौन हैं?

सूर्यदेव और छाया की प्रथम संतान शनिदेव है, जिनको न्यायाधीश और कर्मफल प्रदाता कहा जाता है। महादेव के वरदान से वो नवग्रह में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर नियुक्त हुए। सूर्यदेव और छाया की दूसरी संतान तप्ति है। तप्ति का विवाह सोमवंशी राजा संवरण के साथ हुआ। कुरु वंश के संस्थापक कुरु इन दोनों की ही संतान थे।

सूर्यदेव और छाया की तीसरी संतान विष्टि ने भद्रा नाम से नक्षत्र लोक में प्रवेश किया। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भद्रा के स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें कालगणना या पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया है।

छाया और सूर्य की कन्या तप्‍ति का विवाह अत्यंत धर्मात्मा सोमवंशी राजा संवरण के साथ हुआ और कुरु वंश के स्थापक राजर्षि कुरु इन दोनों की ही संतान थे, जिनसे कौरवों की उत्पत्ति हुई। सूर्य और छाया की चौथी संतान सावर्णि मनु हैं। 

इसे जरूर पढ़ें-Lord Sun: रविवार को करें सूर्य देव की ये आरती, अपार साहस के बन सकते हैं स्वामी

सूर्यदेव की सबसे छोटी और संज्ञा की छठी संतान हैं रेवंत जो उनके पुनर्मिलन के बाद जन्मी थी। आपको सूर्यदेव के परिवार के बारे में जानकर कैसा लगा हमें कमेंट करके बताएं। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।  

 

image credit- indiamart 

 

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।