Lord Sun: रविवार को करें सूर्य देव की ये आरती, अपार साहस के बन सकते हैं स्वामी

रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा का विधान है। कोई भी पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है। तो चलिए साथ में पढ़ते हैं सूर्य देव की आरती।

sunday worship

Lord Sun: हिन्दू धर्म में रविवार के दिन सूर्य पूजा का विधान है। माना जाता है कि सूर्य देव की पूजा करने से और उनके मंत्रों के जाप से व्यक्ति का भाग्योदय हो जाता है लेकिन कोई भी पूजा आरती के बिना पूर्ण नहीं मानी जाती है। ऐसे में हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आज हम आपको न सिर्फ सूर्य आरती पढ़ाने जा रहे हैं बल्कि सूर्य देव की आरती के कई आश्चर्यजनक लाभों को भी साझा करेंगे।

सूर्य देव की आरती (Surya Dev Aarti 1)

sunday ko surya puja

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।

अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।

फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।

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।।ॐ जय सूर्य भगवान।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।

गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।

स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान(सूर्य देव के मंत्र)।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।

प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।

वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।

ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

सूर्य देव की आरती (Surya Dev Aarti 2)

जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।

जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।

रजनीपति मदहारी, शतदल जीवनदाता।

षटपद मन मुदकारी, हे दिनमणि दाता।।

जग के हे रविदेव, जय जय जय रविदेव।

जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।

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नभमंडल के वासी, ज्योति प्रकाशक देवा।

निज जन हित सुखरासी, तेरी हम सबें सेवा।।

करते हैं रविदेव, जय जय जय रविदेव।

जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।

कनक बदन मन मोहित, रुचिर प्रभा प्यारी।

निज मंडल से मंडित, अजर अमर छविधारी।।

हे सुरवर रविदेव, जय जय जय रविदेव।

जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।

सूर्य देव की आरती के लाभ (Benefits Of Surya Aarti)

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  • न सिर्फ रविवार (रविवार के दिन न करें इनकी पूजा) के दिन बल्कि प्रतिदिन सूर्य देव की आरती करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
  • सूर्य देव की आरती के प्रभाव से व्यक्ति को कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल जाती है।
  • सूर्य देव की आरती करने से समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।
  • माना जाता है कि सूर्य देव की आरती करने से न सिर्फ सूर्य देव बल्कि नव ग्रहों की भी कृपा प्राप्त होती है।
  • सूर्य देवकी आरती करने से बुद्धि तीव्र और शरीर स्वस्थ बनता है।
  • सूर्य देव की आरती से सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है।
  • सूर्य देव की आरती करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ती होती है।

तो ये थी सूर्य देव की आरती और उससे मिलने वाले लाभ। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Herzindagi, Pixabay

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