Dont Worship These Deities On Sunday: हिन्दू धर्म में पेड़ से लेकर भगवान तक सभी की पूजा का विधान बताया गया है। माना जाता है कि वृक्ष हो या कोई देवी देवता, इनकी पूजा से न सिर्फ घर में सुख-समृद्धि आती है बल्कि इनकी कृपा और शुभ प्रभावों से व्यक्ति का दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है।
लेकिन आज हम कुछ ऐसे दैवीय तत्वों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी पूजा करने से आपके जीवन में सिर्फ अशुभता का साया बना रहेगा और आपकों हमेशा मुसीबतों से घिरे रहेंगे।
दरअसल, हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, रविवार के दिन कुछ दैवीय तत्वों अर्थात पौधों या पेड़ों की पूजा करने पर सख्त मनाही है। ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है कि ये वृक्ष या पौधे रविवार के दिन आराम करते हैं और ऐसे में इन्हें हाथ लगाना इनके आराम में दखल देने जैसा होता है। जिसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति को नकारात्मक फल भुगतने पड़ते हैं।
हनुमान जी (Hanuman Ji)
हनुमान जी की कृपा से हर संकट दूर हो जाता है। हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार के दिन करने का विधान है। यूं तो हनुमान जी की पूजा किसी भी दिन की जा सकती है लेकिन रविवार के दिन उनकी पूजा करने की मनाही होती है।
ऐसा शास्त्रोक्त नहीं है लेकिन पौराणिक कथनों के अनुसार, हनुमान जी ने बचपन में सूर्य को फल समझकर उनका भक्षण किया था इसी कारण से ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन बजरंगबली की पूजा अर्चना से बचना चाहिए।
तुलसी का पौधा (Tulsi Plant)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी में मां लक्ष्मी का वास बताया गया है। मान्यता है कि रोजाना तुलसी में पानी देने से घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहता है और व्यक्ति को कभी भी आर्थिक तंगी से नहीं गुजरना पड़ता।
वहीं, रविवार के दिन तुलसी को छूने की सख्त मनाही होती है। इसके अलावा, एकादशी के दिन भी तुलसी को छूना आपको पाप का भागी बना सकता है। रविवार के दिन तुलसी को जल देने या उसे स्पर्श करने मात्र से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
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पीपल का पेड़ (Peepal Tree)
धर्म शास्त्रों के मुताबिक, पीपल में ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव शंकर निवास करते हैं। इसके साथ ही, सूर्यास्त के बाद मां लक्ष्मी भी पीपल के पेड़ में अंश मात्र का रूप लेकर विराजमान हो जाती हैं। यूं तो पीपल की पूजा के कई लाभ धर्म ग्रंथों में बताए गए हैं लेकिन एक नियम भी है जिसके अनुसार रविवार के दिन पीपल की पूजा नहीं करनी चाहिए। इससे न सिर्फ घर में दरिद्रता आती है बल्कि परिवार में आपसी कलह भी बढ़ती है।
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शनि देव (Shani Dev)
शनि देव की पूजा शनिवार के दिन की जाती है। वहीं, रविवार के दिन शनिदेव की पूजा करने की मनाही है। ऐसा इसलिए क्योंकि शनि देव सूर्य देव की दूसरी पत्नी माता संध्या के पुत्र हैं और पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपनी माता का अपमान करने के दुस्साहस में दंड के तौर पर शनि देव ने सूर्य देव पर अपनी दृष्टि डाली थी।
जिसके बाद सूर्य देव का पूरा शरीर तेज हीन हो गया था। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि शनि देव की पूजा रविवार के दिन नहीं करनी चाहिए।
शमी का पौधा (Shami Plant)
शमी का पौधा इकलौता ऐसा पौधा है जिसकी पूजा का दिन निर्धारित है। शास्त्रों के अनुसार, शमी का पौधा शनि देव को समर्पित है। इसी कारण से शनिवार को इसकी पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। वहीं, रविवार को इसकी पूजा करना निषेध है। रविवार के दिन शमी के पौधे की पूजा करने से शनि का प्रकोप न सिर्फ उस व्यक्ति बल्कि उसके पूरे परिवार पर पड़ता है। इसलिए शमी के पौधे की पूजा हमेशा शनिवार के दिन ही करें।
तो जैसा कि आपने समझा होगा कि रविवार के दिन पीपल, तुलसी और शमी के पौधे की पूजा नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसलिए एक रविवार को छोड़ इनकी पूजा बाकी अन्य दिनों में की जा सकती है। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें। धर्म और त्यौहारों से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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