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Comments on rape and marriage

कपड़े ठीक होते तो ऐसा नहीं होता, से लेकर अब शादी कौन करेगा?...शारीरिक शोषण होने पर अक्सर सुनने को मिलते हैं ये बेतुके बयान

शारीरिक शोषण होने के बाद पीड़िता को ऐसे ऐसे बयान सुनने को मिलते हैं जैसे पीड़िता के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है और समाज में उसकी स्थिति भी कमजोर होती है।
Editorial
Updated:- 2024-08-23, 16:52 IST

रेपी जैसी घिनौनी वारदात के बाद समाज का एक तबका जहां इंसाफ की लड़ाई के लिए सड़क पर होता है तो कहीं दूसरे कोने में कुछ ऐसे लोग होते हैं जिन्हें हमदर्दी तो दूर बातें पहले बनाते हैं। ऐसी घटनाओं के बाद अक्सर बेतुके बयान सामने आते हैं जो न सिर्फ पीड़ितों के घावों पर नमक छिड़कते हैं बल्कि सामाजिक सोच और मानसिकता पर सवाल खड़े करते हैं।

 

कपड़े ठीक होते तो ऐसा नहीं होता

COMMENT ON CLOTHES

अक्सर पीड़िता के कपड़ों को लेकर बयान दिया जाता है। क्राइम करने वालों को दोषी मानने के बजाय लोग विक्टिम को ही उसके कपड़ों से जज करते हैं। लेकिन सच तो यही है कि शोषण की घटना का संबंध कभी भई पीड़िता के पहनावे से नहीं होता है। यह पूरी तरह से अपराधी की मानसिकता पर निर्भर करता है।

रात को बाहर ही क्यों निकली थी?

RAPE CASE COMMENT

शोषण की घटना होने के बाद अक्सर समाज में इस तरह की बेतुकी बयानबाजी होती है।  रात में बाहर जाने को अक्सर महिलाओं के प्रति हिंसा का कारण बताया जाता है, लेकिन सच तो यही है कि महिलाओं के लिए हर समय सुरक्षित माहौल होना चाहिए। चाहे वह रात के 12:00 बज रहे हो या सुबह के 4:00

लड़कों से गलतियां हो जाती है

जब किसी महिला के साथ ऐसी घटना होती है तो अक्सर इसे गलतियों के रूप में प्रस्तुत किया जाता है जबकि रेप एक गलती नहीं बल्कि एक गंभीर अपराध है।

शादी कौन ही करेगा?

Rape comment shadi kaun karega

जब कभी भी महिला के साथ दरिंदगी होती है यह सवाल अक्सर समाज में सुनने को मिलता है। यह न केवल बेहद संवेदनहीन है बल्कि पीड़िता की पीड़ा को और बढ़ाता है। एक तरह से यह सवाल पीड़िता को ही गलत दिखाने की कोशिश करता है।

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इतनी आजादी क्यों दी?

अक्सर लड़कियों का आजादी को इस जघन्य अपराध से जोड़ा जाता है। जबकि आजाद रहना और अपने पसंद- नापसंद का ख्याल रखना महिलाओं का जन्मसिद्ध अधिकार होता है। यह सोच लड़कियों को सीमाओं में बांधने की कोशिश करती है।

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Image Credit- freepik

 

 

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