इस बात में कोई दोराय नहीं है कि एक मां के लिए दुनिया में सबसे खास होते हैं उसके बच्चे। वह अपने सपने बच्चों में देखती है। उनकी खुशी, उनकी सफलता में ना सिर्फ वह बेहद खुश होती है, बल्कि उन्हें सफल और खुश देखने के लिए कड़ी मेहनत भी करती है। हर मां की दिल ही दिल में यह इच्छा होती है कि वह अपने बच्चे को दुनिया की सारी खुशियां दें। मैं सिर्फ किताबी बातें नहीं कह रही हूं। चूंकि मैं खुद भी दो बच्चों की मां हूं और बच्चों के चेहरे पर मुस्कान देखकर दिल को कितनी खुशी मिलती है, यह मैं बेहद अच्छे से समझ सकती हूं।
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हर मां की तरह मेरी भी इच्छा होती है कि मैं उनकी हर छोटी से छोटी ख्वाहिश को पूरा कर सकूं और इसलिए मैं भी दूसरी महिलाओं की तरह काम करती हूं। लेकिन इन सबमें कहीं ना कहीं बच्चे पीछे छूट जाते हैं। आप चाहें माने या ना माने, लेकिन जिन बच्चों के लिए आप घर से बाहर निकलकर काम करती हैं। दिन-रात मेहनत करती हैं और पैसे कमाती हैं, उन पैसों से आप उन्हें भौतिक सुख तो दे सकती हैं, लेकिन आपके प्यार और समय का क्या। अधिकतर वर्किंग मदर्स को यह समस्या होती है। चूंकि उन्हें बाहर के काम के साथ-साथ घर की जिम्मेदारियां भी निभानी होती हैं। ऐसे में बच्चों के साथ वक्त बिता पाना या उनके साथ खेल पाना काफी मुश्किल होता है और इसका मलाल एक मां को मन में जरूर रहता है।
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यह दिक्कत अक्सर मेरे साथ भी होती है। मेरी आठ साल की बेटी मेरे साथ खेलना बहुत पसंद करती है, लेकिन घर और बाहर के काम निपटाने में मैं उसे कम ही वक्त दे पाती हूं। अब आप सोचेंगे कि मैं तो घर पर ही रहती हूं, ऐसे में बच्चों को तो समय आसानी से मिल जाता होगा। नहीं, वास्तव में ऐसा नहीं होता। जब आप कंप्यूटर पर काम कर रहे होते हैं, तो आपके आसपास क्या होता है, इसका आपको पता भी नहीं चलता। इस तरह आप बच्चों के साथ होते हुए भी उनके साथ नहीं होते। हालांकि पिछले दिनों जब मुझे इस चीज का अहसास हुआ तो मैंने अपने घर के कुछ नियम बदले। अब मैं अपने काम को मैनेज करते हुए बच्चों के साथ काफी वक्त बिता पाती हूं। आज इस लेख में मैं आपसे अपने पर्सनल एक्सपीरियंस ही शेयर करूंगी। अगर आपको अच्छा लगे तो आप भी इन्हें जरूर अपनाइएगा-
तय करें समय
अगर आप सच में चाहती हैं कि आप बच्चों को समय दे पाएं तो यह जरूरी है कि आप टाइम मैनेजमेंट को अपनी लाइफ में महत्व दें। आपको शायद पता ना हो, लेकिन जब आप चीजों को टाइम के साथ मैनेज करती हैं तो चीजें तय समय से पहले ही हो जाती हैं और आपके पास अपने लिए व बच्चों के लिए समय बचता है। मैंने खुद भी टाइम को मैनेज करना धीरे-धीरे सीख रही हूं। मसलन, मैं बच्चों के स्कूल जाने के बाद और उनके घर लौटने से पहले अपना अधिकतर काम खत्म कर लेती हूं। बच्चे दो बजे घर लौटते हैं और मेरी बेटी चार बजे ट्यूशन जाती है। मैं वह दो घंटे सिर्फ और सिर्फ बच्चों के साथ ही बिताती हूं। उनके साथ लंच एन्जॉय करती हूं और बेटी से स्कूल की ढेर सारी बातें करती हूं। बेटा अभी छोटा है, इसलिए उससे उस तरह से बातें नहीं कर सकती।
खुद को दें समय
अगर आप सच में चाहती हैं कि आप बच्चों को भले ही ज्यादा समय ना दे पाएं, लेकिन जो भी समय दें, वह क्वालिटी टाइम हो तो खुद को भी समय देना शुरू करें। जैसे- आजकल मैं कुकिंग को काफी एन्जॉय कर रही हूं। कुकिंग करने से मुझे अंदर से एक हैप्पीनेस वाली फीलिंग आती है। आपको शायद अहसास ना हो, लेकिन जब आप खुद को पैम्पर करना शुरू करती हैं तो आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। जिससे आप कम समय में भी अधिक और बेहतर काम दे पाती हैं।
Do Not डिस्टर्ब
आप चाहे काम करें या फिर बच्चों के साथ समय बिताएं, कोशिश करें कि उस दौरान आपके आसपास कोई disturbance ना हो। मसलन पहले जब मैं काम करती थी तो मेरा टीवी हमेशा ऑन रहता था, जिससे मैं काफी समय तक सिर्फ एक ही आर्टिकल लिखती रह जाती थी। आखिर में होता यह था कि मेरा सारा दिन लैपटॉप पर निकल जाता था और मेरा काम भी खत्म नहीं होता था।
मैं बच्चों के साथ वक्त भी नहीं बिता पाती थी। यहां तक कि कई बार तो मुझे उनके लिए कुक करने का टाइम भी नहीं बचता था और मुझे खाना आर्डर करना पड़ता था। इतना ही नहीं, काम की टेंशन में मैं रात में भी परेशान होती थी। लेकिन अब मैं जब भी काम करती हूं तो फोन और टीवी को नो ही कहती हूं। इस तरह मेरा काम जल्दी खत्म हो जाता है और फिर बचे हुए टाइम में मैं बच्चों के साथ खेलना पसंद करती हूं।
हो जाए आईसक्रीम
यह तो मेरा फेवरिट है। हालांकि अभी विंटर्स हैं, लेकिन फिर भी जब मेरी बेटी शाम को ट्यूशन से लौटती है तो डिनर के बाद मैं बच्चों के साथ आईसक्रीम खाना काफी पसंद करती हूं। बस, रात को स्कूटी निकाली और बच्चों को लेकर मार्केट का एक चक्कर लगाया। मेरी बेटी मेरे साथ लॉन्ग ड्राइव काफी पसंद करती है। इसलिए जब भी उसके साथ स्कूटी पर जाती हूं तो राइड थोड़ी लंबी हो जाती है। लेकिन उनके साथ आधा घंटा बिताकर ना सिर्फ उनके चेहरे पर मुस्कान आती है, बल्कि मेरा खुद भी दिनभर का सारा स्ट्रेस दूर हो जाता है।
छुट्टी के दिन नो काम
संडे एक ऐसा दिन होता है, जब बच्चों की भी छुट्टी होती है और मेरी भी। ऐसे में मैं उस दिन लैपटॉप खोलना कम ही पसंद करती हूं। उस दिन थोड़ी बच्चों के साथ मस्ती, थोड़ी कुकिंग करना मुझे काफी पसंद है। आप भी कोशिश करें कि अगर आप सप्ताह में बच्चों को उतना समय नहीं दे पा रही हैं तो छुट्टी के दिन उनके साथ भरपूर समय बिताएं।
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कुछ जरूरी टिप्स
अगर आप ऑफिस जाती हैं और वह सब नहीं कर सकतीं, जो मैं करती हूं। तो आप कुछ अन्य टिप्स भी अपना सकती हैं। जैसे- घर लौटने के बाद ऑफिस के काम को अलविदा कह दें। शाम का कुछ वक्त बच्चों के साथ जरूर बिताएं।
हर बच्चे की पसंद अलग है। जैसे मेरे बच्चे लॉन्ग ड्राइव पसंद करते हैं। हो सकता है कि आपके बच्चों को कलर्स का शौक हो या कहानियां सुनने का, इसलिए कोई भी एक एक्टिविटी उनके साथ शाम को जरूर करें। साथ ही उस एक्टिविटी के दौरान उनसे ढेर सारी बातें करें। इससे वह कभी भी आपसे दूर नहीं होंगे।
अगर आप अलग से बच्चे के लिए समय नहीं निकाल सकतीं तो आप उनके साथ कोई भी एक्टिविटी शुरू करें। जैसे अगर आप मार्निंग वॉक पर जाती हैं तो बच्चों को भी साथ ले जाएं या फिर उनके साथ घर पर ही योगा करें।
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