बचपन में ही दें बच्चों को ये 5 सीख, कभी गलत संगत में नहीं पड़ेगा आपका लाडला

बच्चों को अगर शुरू से ही छोटे-छोटे नियमों के पालन की आदत डालवाई जाए तो यह बड़े होकर उनके उज्जवल भविष्य का कारण बनते हैं।

How to Teach Your Children For Better Future in Hindi

आजकल मां और पिता दोनों के वर्किंग होने से बच्चों को कहीं न कहीं खुली छूट मिल जाती है। भले ही घर में अन्य लोग उनकी देखभाल के लिए हों, लेकिन जो चीजें पेरेंट्स बता सकते हैं या समझा सकते हैं वह कोई दूसरा नहीं कर पाता है। बचपन में कही गई बातों को बच्चे ताउम्र याद रखते हैं। इसलिए जरूरी है कि उन्हें इस उम्र में ऐसे नियम और अनुशासन में बांधा जाए जिससे वह बड़े होकर गलत संगत में न पड़ें और आत्मनिर्भर बनें।

बच्चों को अगर शुरू से ही छोटे-छोटे नियमों के पालन की आदत डालवाई जाए तो यह बड़े होकर उनके उज्जवल भविष्य का कारण बनते हैं। इसके लिए जरूरी है कि माता-पिता जब घर के नियम बनाएं तो बच्चों को पहले ही इस बात से अवगत करा दें कि उन्हें हर स्थिति में इन नियमों का पालन करना है। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही नियम बता रहे हैं जिन्हें आपको बच्चों को बचपन ही सिखाना चाहिए।

गुस्से को करें कंट्रोल

How to Control Children in Hindi

अगर पेरेंट्स बचपन में ही बच्चों को गुस्से को कंट्रोल में रखने की चीज सिखा दें तो बड़े होकर उनका भविष्य बेहतर होगा। क्योंकि ऐसा न किया गया तो बड़े होकर बच्चे चाहकर भी अपने गुस्से को कंट्रोल में नहीं रख पाते हैं। यदि घर के बड़े भी ऐसा करते हैं तो उन्हें इस आदत को बदलना होगा। (गुस्से को कंट्रोल करने के वास्तु टिप्स)

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बुरे शब्दों से दूरी

कई बार बच्चे दूसरों की देखा-देखी या टीवी में देखकर अपशब्दों का इस्तेमाल करने लगते हैं। उन्हें लगता है कि इस तरह से वह सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं। लेकिन पेरेंट्स को तभी बच्चों को टोकना चाहिए जब वह पहली बार उनके मुंह से कोई भी अपशब्द सुनें। बच्चों को समझाएं ऐसा करना उनकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। (पढ़ाई में बच्चे की रूचि बढ़ाने के टिप्स)

गलत व्यवहार से बचें

How to make children better in future

जब बच्चों को घर में डांट पड़ती है तो वह खाना न खाना, चीजें तोड़ना, गुस्से से दरवाजा बंद करना या छत पर जाकर बैठने जैसी हरकतें करते हैं। बच्चों को यह बताएं कि ऐसा करना बड़ों का अपमान होता है। उन्हें समझाएं कि घर के किसी भी सदस्य से दिक्कत है तो उस पर खुलकर बात करें। (बच्चों को हिंदी सिखाने के टिप्स)

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मदद करना सिखाएं

Children for better tips in hindi

हेल्पिंग नेचर वाली खूबी बच्चों के अंदर शुरू से ही डाल दें। उन्हें बताएं कि कभी भी किसी की मदद करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। पेरेंट्स बच्चों को यह बताएं कि छोटे भाई-बहनों का ध्यान रखना, उनकी मदद करना उनकी जिम्मेदारी है।

किसी पर निर्भर न हो

यह बात भी बच्चों को सिखानी जरूरी है कि उन्हें हमेशा अपने काम के लिए खुद पर निर्भर होना चाहिए। बच्चों को खाने के बाद अपनी प्लेट धोने से लेकर अपनीबेडशीट साफ करने तक सब कुछ सिखाना चाहिए। इससे यह आदत बच्चों के अंदर हमेशा रहती है।

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Image Credit- (@Freepik)

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