छोटे बच्चे स्वभाव से बेहद कोमल व मासूम होते हैं। वह अपने आसपास जो देखते व सुनते हैं, उसे ही सच मान लेते हैं। उनका व्यवहार अपनी आसपास की चीजों से काफी हद तक प्रभावित होता है। अक्सर देखने में आता है कि माता-पिता गुस्से में बच्चे से कुछ नकारात्मक बातें करते हैं। आप भले ही बच्चों को डांटने के बाद उस बात को भूल जाएं, लेकिन बच्चे उसे अपने मन में समा लेते हैं। इसलिए तो कहा जाता है कि माता-पिता बनना आसान है, लेकिन पैरेंटिंग वास्तव में एक मुश्किल चुनौती है। आप बच्चों से क्या कहती हैं, वह उनके पूरे व्यक्तित्व को प्रभावित करता है।
जिस तरह बच्चों से नकारात्मक बातें नहीं करनी चाहिए, ठीक उसी तरह बच्चों को डेली प्रोत्साहित करना भी उतना ही जरूरी होता है। आप भले ही बच्चे से कितना भी प्यार करती हों, लेकिन बच्चे इस बात को बिना बोले नहीं समझ पाते। साथ ही जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर परफार्मेंस व सकारात्मकता के लिए जरूरी होता है कि आप उन्हें डेली encourage करें। तो चलिए आज हम आपको उन छोटे-छोटे टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप बेहद आसानी से बच्चे को प्रोत्साहित कर सकती हैं-
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करें तारीफ
यह बच्चे को प्रोत्साहित करने का सबसे आसान व प्रभावी तरीका है। अगर बच्चे को किसी भी रूप में तारीफ मिलती है, तो उसके मन का उत्साह दोगुना होता है। इसलिए अगर बच्चे ने किसी मुश्किल काम को स्वयं किया है या फिर वह कोई अच्छा काम करता है तो दिल खोलकर उसकी तारीफ करें। जरूरी नहीं है कि आप बोलकर ही उसकी तारीफ करें। अगर बच्चा उम्र में छोटा है तो आप उसके हाथों पर या कॉपी में उसके अच्छे काम के लिए स्टार बनाकर दें। बच्चा उसे बार-बार देखकर खुश होगा।
प्यार का इजहार
किसी भी रिश्ते में प्यार का इजहार जरूरी है, भले ही वह मां-बेटे का क्यों न हो। इससे भी बच्चे के भीतर एक सकारात्मकता आती है। आप इस इजहार के जरिए बच्चे को प्रोत्साहित भी कर सकती हैं। जैसे आप बच्चे को कहें कि बेटा, मम्मा आपसे बहुत प्यार करती हैं और चाहती हैं कि आप गुड बॉय बनो। फिर मम्मा की तरह ही हर कोई आपको प्यार करेगा। आप चाहे यकीन न करें लेकिन यह लाइन्स बच्चे पर जादू की तरह काम करती हैं।
दिलाएं भरोसा
आप बच्चे के उपर भरोसा करके भी उसे कोई गलत काम करने से रोक सकती हैं। जैसे आप उससे कहें कि आपको पूरा भरोसा है कि वह कोई गलत काम नहीं करेगा। अगर फिर भी बच्चा कुछ गलत करता है तो उससे नकारात्मक बातें करने की बजाय कहें कि आपको उसके द्वारा किए गए काम से बहुत दुख हुआ है और आपको भरोसा है कि वह आपका भरोसा दोबारा नहीं तोड़ेगा। इस तरह बात करने से बच्चे को अच्छे काम करने की प्रेरणा मिलती है।
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मुश्किल डगर
अगर बच्चे को किसी काम में परेशानी हो रही है तो उसकी मदद करने की बजाय आप उसे भरोसा दिलाएं कि वह उस कार्य को कर सकता है। इससे उसके मन में उत्साह आता है और थोड़ी मुश्किल के बाद वह आसानी से उस कार्य को कर पाता है। साथ ही उसके मन में यह विश्वास पैदा होता है कि वह कठिन कार्य भी स्वयं कर सकता है। यह बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने की राह पर पहला कदम होगा।
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