माता-पिता बनना शायद दुनिया की सबसे बड़ी खुशी हो। लेकिन यह खुशी अपने साथ एक बड़ी जिम्मेदारी लेकर भी आती है। सिर्फ बच्चों की जरूरतों का ख्याल रखना ही माता-पिता का फर्ज नहीं होता, बल्कि आपको बच्चे की बेहतरीन परवरिश के जरिए उसमें अच्छे गुणों का समावेश भी करना होता है। इतना ही नहीं, पैरेंटिंग के दौरान आपको कई छोटे-बड़े चैलेंजेस का सामना करना पड़ता है। कई बार यह मुश्किलें इतनी जटिल होती हैं कि इनसे निकलने का रास्ता आपको समझ ही नहीं आता और कई बार तो आप अपना धैर्य भी खो देती हैं। ऐसे में आपका रवैया बच्चे पर नकारात्मक असर छोड़ता है। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ चैलेंजिग पैरेंटिंग इश्यू के बारे में-
इसे भी पढ़ें:क्या होती है ‘स्नो प्लाओ पेरेंटिंग’? जानें बच्चों पर पड़ने वाले इसके नुकसान
चंचल स्वभाव
छोटे बच्चों की मम्मी को जिस चीज का सबसे ज्यादा ध्यान रखना होता है वह है बच्चों की हरकतें। दरअसल, छोटे बच्चे स्वभाव में बेहद चंचल और मासूम होते हैं और इसलिए उन पर हरदम नजर रखनी होती है। कई बार अगर उन पर से जरा सा भी ध्यान हटाया जाए तो वह खुद को भी चोटिल कर लेते हैं। खासतौर से, अगर पैरेंट्स वर्किंग हों तो यह सच में एक काफी बड़ा चैलेंज हो जाता है क्योंकि बच्चों को घर पर अकेला नहीं छोड़ा जा सकता और किसी अनजान व्यक्ति के भरोसे पर बच्चे को छोड़ना भी काफी रिस्की होता है।
बात न मानना
बच्चा आपकी हर बात बेहद आसानी से मान लें, ऐसा बेहद कम ही देखने को मिलता है। अक्सर बच्चे अपने मम्मी-पापा की बात मानने को मना कर देते हैं। कुछ बच्चे तो स्वभाव से काफी जिद्दी होते हैं और एक बार अगर वह जिद कर लेते हैं तो किसी की सुनते ही नहीं। ऐसी स्थिति में या तो पैरेंट्स बच्चे की जिद मान लेते हैं या फिर उन्हें जोर से डांटते हैं। लेकिन इसके स्थान पर आप पहले बच्चे यह जानने की कोशिश करें कि वह आपकी बात क्यों नहीं मान रहा है। साथ ही आप उन्हें जो भी करने के लिए कहें, उसके लिए एक आपके पास एक मजबूत कारण भी होना चाहिए, तभी आप बच्चे को अपनी बात मनवाने के लिए राजी कर पाएंगी।
इसे भी पढ़ें:बच्चों के साथ negotiation करते समय भूल कर भी न करें यह गलती
संतुलन बनाना
एक पैरेंट बन जाने के बाद महिला को अपनी लाइफ अधिक संतुलित करनी पड़ती है। भले ही बात उनकी ऑफिस व पर्सनल लाइफ की हो या फिर बच्चों के साथ अभिभावक व दोस्ती के रिश्ते को संतुलित करना। कई बार आपको अपने बच्चे के दोस्त के रूप में उनका साथ देना पड़ता है तो कभी अभिभावक बनकर उन्हें दुनिया की बुराईयों से बचाना और उनमें अच्छे गुणों का समावेश करना होता है। यह थोड़ा कठिन हो सकता है, लेकिन आप अपनी समझदारी से अपनी लाइफ को बैलेंस करना सीख जाती है।
फाइनेंशियल प्लानिंग
यह चैलेंज भले ही बच्चे के स्वभाव से न जुड़ा हो लेकिन बतौर पैरेंट यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति है। जरा सोचिए कि कॉलेज के बाद अगर आपका बच्चा विदेश में पढ़ाई के लिए जाना चाहे तो शायद उस समय आप आर्थिक तौर पर इसके लिए तैयार न हों। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप शुरू से ही फाइनेंशियल प्लानिंग करें।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों