हर माता पिता चाहते हैं कि वह अपने बच्चों की इस तरह से परवरिश करें जिससे उन्हें वर्तमान में ही नहीं बल्कि भविष्य में भी किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसीलिए पेरेंट्स अपने बच्चों की खातिर मेहनत करते हैं, उनकी केयर करते हैं, उन्हें अच्छे स्कूल में पढ़ाते हैं, उन्हें अच्छी डाइट देते हैं और उन्हें अच्छे व बुरे का फर्क बताते हैं। लेकिन कई बार पेरेंट्स बच्चों की लाइफ में इतना घुस जाते हैं कि बच्चों को घुटन होने लगती है। जबकि कुछ पेरेंट्स अपनी लाइफ में ही इतने बिजी रहते हैं कि उन्हें फर्क ही नहीं पड़ता कि उनके बच्चों की लाइफ में क्या चल रहा है या बच्चों को भी आपकी जरूरत है। पेरेंट्स की ये दोनों ही आदतें बच्चों पर बुरा प्रभाव डालती है। वैसे सिर्फ ये 2 ही नहीं बल्कि पेरेंट्स कई प्रकार के होते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको पेरेंट्स के कुछ प्रकार बता रहे हैं। आप इनमें से देखें कि आप पेरेंट्स की किस कैटेगरी में आते हैं।
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स्नो प्लाओ पेरेंट
इस तरह के पेरेंट का पूरा फोकस बच्चों को एक सुरक्षित लाइफ देना होता है। इस तरह के पेरेंट्स चाहते हैं कि वह बचपन से लेकर बुढ़ापे तक बच्चों का पूरा जीवन सेटल कर दें। साथ ही स्नो प्लाओ पेरेंट दूसरों के बच्चों के साथ अपने बच्चों को कम्पेयर भी करते हैं, कहीं उनके बच्चे किसी से पीछे तो नहीं है। ऐसे पेरेंट्स अपने बच्चों की जिंदगी से आसक्त होते हैं।
इंटैंसिव पेरेंट्स
इस तरह पेरेंट्स बच्चों के साथ बहुत फ्रैंकली बिहेवियर रखने की चाहत रखते हैं। इन्हें बच्चों की स्कूल लाइफ के साथ ही यह जानने की भी इच्छा रहती है कि उनकी पर्सनल लाइफ में क्या चल रहा है या वह क्या सोचते हैं। इस तरह के पेरेंट्स को बच्चों के साथ गेम खेलना और उनके साथ हैंगआउट करना भी बहुत अच्छा लगता है।
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हैलिकॉप्टर पेरेंट
ऐसे पेरेंट्स बच्चों की पूरी लाइफ का होल्ड अपने हाथ में चाहते हैं। ये बच्चों से प्यार तो करते ही हैं लेकिन कहीं न कहीं इन्सिक्योर भी रहते हैं। अगर इनका बच्चा थोड़ी देर के लिए भी आंखों से दूर हो जाता है या फोन नहीं उठाता है तो यह वहीं पहुंच जाते हैं जहां बच्चा होता है। साथ ही ऐसे पेरेंट्स बच्चे की हार-जीत की पूरी जिम्मेदारी खुद पर ले लेते हैं, उस के हर काम में उस के साथ रहते हैं, यहां तक कि उस के स्कूल का काम करना, उस की टीचर से बात करना इत्यादि भी खुद ही करते हैं।
टाइगर पेरेंट
इस तरह के पेरेंट्स बच्चों के साथ काफी सख्ती भी बरतते हैं और डिमांडिंग भी होते हैं। इनके अंदर अपने बच्चे को हर हाल में जीत दिलवाने का जज्बा होता है। यह चाहते हैं कि इनके बच्चे किसी भी फील्ड में पीछे न रहें। पेरेंट्स ‘टफ लव’ में विश्वास रखते हैं।
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