फोटोग्राफी करना किसे पसंद नहीं है। हर कोई एक खुबसुरत फोटो अपने कैमरो में कैद करना चाहता है चाहे वो फोटो किसी प्रकृति नजारे का लेना हो या किसी शादी या किसी अन्य फंक्शन का। 'वेडिंग फोटोग्राफी' भी इन्हीं में एक ऐसा फोटोग्राफर है जिसपे सबकी नजर रहती है कि फोटोग्राफर कैसा फोटो निकालता है। हालांकि फोटोग्राफर के दुनिया में ऐसे बहुत कम ही लोग है जो वेडिंग फोटोग्राफ़र में शोहरत कमा पाते हैं। लेकिन जब वही फोटोग्राफर भारत की पहली समलैंगिक वेडिंग फोटोग्राफर हो तो समाज में उसका चर्चा और अधिक होने लगती है। मोनिशा अजगावकर भारत की मशहूर समलैंगिक 'वेडिंग फोटोग्राफ़र' है। कुछ लोग उनकी गिनती भारत के बेहतरीन 'वेडिंग फोटोग्राफ़र्स' में करते है लेकिन उनके जीवन के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं।
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कौन है मोनिशा अजगावकर-
मुंबई में पली बढ़ी 30 साल की मोनिशा अजगावकर जब जेजे स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में पढ़ाई कर रही थीं तभी उन्हें एहसास हो गया था कि वो समलैंगिक है। पर तब वो समाज और परिवार की प्रतिक्रिया के लिए तैयार नहीं थीं। इसलिए इस बात को उन्होंने राज़ रखा। इस बात को कुछ करीबी लोग ही जानते थे। लेकिन कुछ साल पहले जब उनके समलैंगिक होने का जिक्र किसी खबर में कहीं छपा तो उनके परिवार को इसके बारे में पता चला। तब से वो अकेली ही रहती है और परिवार से कोई बातचीत नहीं होती है। मोनिशा अजगावकर ‘द फोटो डायरी’ नाम की एक फर्म भी चलाती है जो कमर्शियल और शादी की फोटोग्राफी में माहिर है। इसके अलावा वो एक LGBTQ एक्टिविस्ट भी है।
फोटोग्राफी की दूनिया-
भारत में आज मोनिशा अजगावकर को पहला समलैंगिक वेडिंग फोटोग्राफर माना जाता है। उनके बेहतरीन फोटोग्राफर के चलते आज उनके पास कई प्रोजेक्ट है जिसे लेकर उत्साहित है। लेकिन मोनिशा ने एक वार्ता में कहां था कि भारत में आज भी समलैंगिकता को लेकर गलत अवधारण है जिसे बदलने में समय लगेगा। उनका कहना है कि भारत में जिस तरह से LGBTQ कम्युनिटी के लोगों के प्रति रुख है उसे देख कर डर लगता है। यही वजह है कि मोनिशा अजगावकर प्यार और बेहतर ज़िंदगी के लिए अब कनाडा शिफ्ट होना चाहती है। वो शादी करना चाहती है। वो कहती हैं कि कनाडा में LGBTQ लोगों के लिए बेहतर सुविधाएं है।
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क्या कहना है LGBTQ पर मोनिशा अजगावकर का-

मोनिशा कहती है जब एक साल पहले धारा 377 को ख़त्म करने की ख़बर आई तो बहुत रोना आया था। मोनिशा अजगावकर आगे कहती है। पर मुझे ख़ुशी है कि इस एक साल में कई लोग सामने आए। मैं ऐसी कई महिलाओं को जानती हूं जो आज भी समलैंगिक होने के बावजूद शादी में बंधे हुई हैं और अपने आप को पराया समझते हैं पर सामने आने से कतराती है। उनका मानना है कि अभी इसे सही होने से समय लगेगा।
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