Which tips can tell shami plant real or fake: हिंदू धर्म में कई पौधे पूजनीय माने गए हैं, तो कई का पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। इन्हीं में एक शमी का पौधा भी है। भगवान शिव की उपासना में शमी का पौधा अहम महत्व रखता है। ऐसी मान्यता है कि शमी का पत्ता अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और घर में भी सुख-समृद्धि बनी रहती है। शमी के पौधे का सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं होता है, बल्कि आयुर्वेद में भी इसे गुणी माना गया है। शमी की सिर्फ पत्तियां ही नहीं, तने की छाल भी कई तरह की समस्याओं में लाभकारी साबित हो सकती है। कुल मिलाकर कहें तो अगर आपके घर में शमी का पौधा है तो फायदे ही फायदे हो सकते हैं।
लेकिन, शमी का पौधा घर में लगाने से पहले उसकी असली और नकली की पहचान कर लें। शमी की पहचान के बारे में हमें वैशाली सेक्टर 1 में अपनी नर्सरी चलाने वाले माली शंभू ने बताया है। माली के मुताबिक, ऐसे कई पौधे हैं जिनके साथ अक्सर ही शमी के पौधे को लेकर कंफ्यूजन हो जाती है। इसमें से एक वीरतारू के साथ होता है, जिसे लोग शमी समझकर घर में लगा लेते हैं। अगर आप घर में शमी का पौधा लगाना चाहती हैं, तो पहले यहां माली के बताए टिप्स से असली और नकली के बीच का फर्क समझ लें।
असली और नकली शमी के बीच का फर्क कैसे करें?
पत्तियों की बनावट: असली और नकली के बीच पहला सबसे आसान फर्क पत्तियों की बनावट का होता है। असली शमी की पत्तियां छोटी-छोटी होती हैं। एक डाली पर छोटी-छोटी पत्तियां लगती हैं और यह कम घनी होती हैं। साथ ही यह हल्की गोल और घुमावदार भी होती हैं।
वहीं, नकली शमी जिसे अक्सर लोग वीरतारू के पौधे से कंफ्यूज कर लेते हैं। उसकी पत्तियां एक डंडी पर दोनों तरफ लगती हैं। साथ ही इनका साइज असली शमी से बड़ा होता है। दोनों तरफ पत्तियां और साइज में फर्क होने की वजह से वीरतारू का पौधा, शमी से ज्यादा घना दिखता है।
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अनुपर्ण (कांटे): पत्तियों के बाद कांटों से शमी के पौधे की पहचान की जा सकती है। हालांकि, शमी और वीरतारू दोनों में ही कांटे होते हैं। लेकिन, शमी के पौधे में छोटे-छोटे कांटे होते हैं और यह दो पत्तियों के बीच होते हैं। अगर आप चाहें तो इन कांटों को आसानी से तोड़ सकती हैं। मगर वीरतारू के पौधे के कांटे लंबे और मोटे होते हैं। साथ ही इन्हें तोड़ना भी आसान नहीं होता है।
फूल: असली शमी के पौधे में छोटे-छोटे और पीले रंग के फूल आते हैं। वहीं, असली शमी की तरह दिखने वाले वीरतारू के पौधे में गुलाबी या वॉयलेट कलर के फूल खिलते हैं, जो समय के साथ अपना रंग छोड़ देते हैं और सफेद हो जाते हैं।
असली शमी के पौधे के फूलों की पत्तियां लंबी, पतलती और चपटी होती हैं। ऐसे में आसानी से असली शमी का पौधा पहचाना जा सकता है।
तना और शाखाएं: असली शमी के पौधे का तना हरा-भूरा होता है। साथ ही पतला और हल्का खुरदुरा भी होता है। हालांकि, इसकी ज्यादा शाखाएं नहीं होती हैं और शाखाओं पर ही छोटी-छोटी पत्तियां निकलती हैं।
खुशबू: असली और नकली दोनों ही शमी के फूलों में खुशबू नहीं होती है। लेकिन, अगर असली शमी की पहचान करनी है तो आप उसकी पत्तियों को मसलकर भी देख सकते हैं। असली शमी के पौधे की पत्तियों में भीनी-भीनी खुशबू आती है। वहीं, वीरतारू के पौधे की पत्तियों को मसलने पर भी कोई खास खुशबू महसूस नहीं होती है।
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