भारतीय समाज में क्या है संस्कारी महिला की definition

समाज के अनुसार संस्कारी महिला होने का एक पैरामीटर है। अगर आपको लगता है कि आप उस पैरामीटर से बाहर हो रही हैं तो ये पढ़ें। 

sanskari nari x

आपने कंगना रनौत की Queen तो देखी होगी । उसमें एक scene है जब वो बोलती है कि इंडिया में हम लड़कियां सबके सामने डकार नहीं ले सकतीं।

अब हम इसमें कुछ लाइनें और जोड़ते हैं। जैसे की लड़कियां fart नहीं कर सकतीं।

हंस नहीं सकतीं।

ऊंची आवाज में बात नहीं कर सकतीं।

वगैरह-वगैरह।

आपको ये lines कुछ सुनी-सुनाई नहीं लगती? अगर आप लड़की हैं तो आपने ये लाइन अपनी जिंदगी में एक बार ना एक बार जरूर सुनी होगी और लड़का हैं तो आपने ये लाइन अपनी बहन-भाभी के लिए जरूर सुनी होगी।

जानें ऐसी और कौन सी lines हैं जो एक वाक्य में ... जी हां... केवल एक वाक्य में लड़की की संस्कारी होने का पता बता देती है। जैसे

डकार नहीं ले सकती

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खाना खाकर डकार आती है। ये सामान्य सी बात है।लेकिन हम लड़कियां खाना खाकर डाइनिंग टेबल में बैठे हुए सबके साथ डकार नहीं ले सकती। क्यों? क्योंकि लड़कियां ऐसा नहीं करतीं। इसलिए आपने शायद ही कभी किसी लड़की या खुद की मां या चाची को ही पापा या घर के बड़ों के सामने डकार लेते हुए देखा हो?

वहीं घर के बड़े, मतलब घर के पुरुष, घर के ड्रॉइंग रुम में बैठे-बैठे डकार मारते रहते हैं।

(एसिडिटी की समस्या में भी डकार नहीं ले सकती।)

हैलो नहीं नमस्ते करती है

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अच्छी लड़कियां हैलो-हाय नहीं करती। जब भी किसी से मिलती हैं तो दोनों हाथों को जोड़कर सर को झुकाते हुए नमस्ते बोलती हैं। perfect संस्कारी लड़की :)

धीरे-धीरे बात करना

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बात धीरे ही की जाती है। ये बहुत ही well mannered तरीका है। लेकिन इंडिया में ये संस्कारी लड़की होने की पहचान है। इसके साथ ही लड़कियां हमेशा नजरें झुका कर, नजाकत से धीरे-धीरे बात करे तो... क्या ही कहने।

पूजा करना

sanskari nari  puja

लड़का हो या लड़की, हर किसी को पूजा करनी चाहिए। ये एक तरह से meditation जैसा होता है जो शांति देता है। लेकिन इंडिया में इससे संस्कारी लड़की की पहचान होती है। जो लड़की सुबह-शाम पूजा करती है वो संस्कारी होती है। मतलब सुबह उठकर जो ओम जय जगदीश... गाए और मां-बाप के पैर छुए।

किचन का काम

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आज के जमाने में किचन का काम हर किसी को आना चाहिए और कई लड़के किचन का काम करते भी हैं। लेकिन रोटी है कि गोल नहीं बनती। लडंके जब रोटी गोल नहीं बनाते तो ठीक... लेकिन भई, जब लड़कियों से रोटी गोल नहीं बनती तो सीधे मां पर सवाल उठ जाते हैं, कि मां ने कुछ नहीं सिखाया। कोई काम करने ढंग से नहीं आता।

छोटे कपड़े

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छोटे कपड़े पहनोगी तो रेप होता है। वैसे भी अच्छी लड़कियां छोटे कपड़े नहीं पहनती।

लेकिन एक सवाल... छोटी बच्चियों का रेप क्यों होता है?

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