अमेरिका में जब अश्वेत जॉर्ज फ्लाएड की पुलिस के हाथों निर्मम हत्या हुई तो सिर्फ अमेरिका ही नहीं, यूरोप और पूरे विश्व में इसके खिलाफ आवाजें उठीं। दुनियाभर में अश्वेतों के साथ होने वाली क्रूरता और भेदभाव पर आवाज उठाई गई। इस मुहिम को #black lives matter के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। अमेरिका के लॉस एंजिलिस में पति निक जोनस के साथ रह रहीं प्रियंका चोपड़ा ने भी इस मुहिम के लिए अपना समर्थन जताया था। प्रियंका चोपड़ा ने इस मामले पर लिखा था, 'आप जहां भी रहें और जो भी आपके हालात हैं, कोई भी व्यक्ति मौत डिजर्व नहीं करता, वो भी अपने रंग को लेकर।' लेकिन इस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ट्रोल कर दिया। उनका कहना था कि एक तरफ प्रियंका चोपड़ा अश्वेतों के मूवमेंट को सपोर्ट कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ वह भारत में फेयरनेस प्रोडक्ट्स को प्रमोट करती हैं। बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स ने प्रियंका चोपड़ा का पुराना इंटरव्यू भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने फेयरनेस क्रीम्स के विज्ञापन पर चर्चा की थी।
हालांकि प्रियंका चोपड़ा ने ट्रोल करने वालों के लिए किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन फिलहाल उनका पुराना इंटरव्यू चर्चित हो रहा है, जिसमें वह बरखा दत्त के सवालों के जवाब देती नजर आई थीं। इस वीडियो में प्रियंका चोपड़ा ने कहा था,
'मुझे फेयरनेस क्रीम्स का विज्ञापन करके अच्छा महसूस नहीं हुआ। मैं पंजाबी फैमिली से ताल्लुक रखती हूं। मेरे परिवार में अमूमन सभी लोगों का रंग साफ है और अक्सर घरवाले मजाक में मुझे 'काली-काली' कहा करते थे। 13 साल की उम्र में मुझे अपना सांवला रंग अच्छा नहीं लगता था। मैं चाहती थी कि किसी तरह मेरा रंग गोरा हो जाए। मैंने एक फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन में काम किया था। करीब साल भर तक मैंने उस प्रोडक्ट को एंडोर्स किया, लेकिन फिर मुझे अहसास हुआ कि मैं अच्छी भली दिखती हूं और मैं ये नहीं करना चाहती। इसके बाद मैंने फेयरनेस क्रीम्स के विज्ञापन करने से इन्कार कर दिया था। तब मेरी उम्र 21-22 की थी। हालांकि मुझे फेयरनेस क्रीम्स के विज्ञापन के लिए कई बार ज्यादा पैसे भी ऑफर किए गए, लेकिन मैंने मना कर दिया।'
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इस मामले पर प्रियंका चोपड़ा ही नहीं, बल्कि दिशा पटानी और सोनम कपूर को भी अश्वेतों की तरफ से हो रहे आंदोलन को सपोर्ट करने के लिए ट्रोल किया गया है। जाहिर है फेयरनेस प्रोडक्ट्स में नजर आने वाले सेलेब्स इस समय निशाने पर हैं। लेकिन प्रियंका चोपड़ा की तरह कई दूसरे सेलेब्स भी रंगभेद की खिलाफत कर चुके हैं और फेयरनेस क्रीम्स का विज्ञापन करने से इनकार कर चुके हैं। इनमें कंगना रनौत, स्वरा भास्कर और अनुष्का शर्मा जैसी चर्चित बॉलीवुड एक्ट्रेसेस भी शामिल हैं।
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कंगना रनौत ने साल 2013 में 2 करोड़ रुपये की डील ठुकरा दी थी। कंगना ने इस विषय में कहा था, 'अगर मैं गोरा होने की क्रीम का विज्ञापन करती हूं तो मैं आज के युवाओं के सामने किस तरह का उदाहरण पेश करूंगी। मुझे इस ऑफर को ठुकराने का अफसोस नहीं है। पब्लिक फिगर होने के नाते मेरी कुछ जिम्मेदारियां भी हैं।'
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बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने गोरा बनाने वाले एक ब्रांड की डील ठुकरा दी थी। इस विषय पर स्वरा ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा था, 'गोरे रंग के लिए लोगों के मन में जिस तरह का ऑब्सेशन है, उसे कम किया जाना चाहिए। यह गलत सोच को बढ़ावा देता है। यह नस्लभेद को बढ़ावा देता है और इससे लोगों का आत्मविश्वास कमजोर ही होता है। मेरा मानना है कि हम चाहें जैसे भी दिखते हों, हमें उससे प्यार करना चाहिए। चाहें रंग काला हो, गेंहुआ हों या फिर गोरा, सभी का रंग अच्छा है। इसमें किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है।'
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By now I know all the sunlight spots of every inch of my home 😬
अनुष्का शर्मा अक्सर ही सामाजिक मुद्दों पर मुखर तरीके से अपने विचार रखती रही हैं। अनुष्का शर्मा यह घोषणा कर चुकी हैं कि वह फेयरनेस क्रीम्स कभी भी प्रमोट नहीं करेंगी। अनुष्का ने इस मामले पर कहा था, 'मैं ऐसे किसी प्रोडक्ट का प्रचार नहीं करूंगी, जो नस्लवाद, लिंगभेद या किसी सोशल टैबू को बढ़ावा देता हो। फेयर स्किन बनाने वाले प्रोडक्ट्स का प्रचार मैं बिल्कुल भी नहीं करूंगी।'
फेयरनेस क्रीम्स का विज्ञापन करने पर दिशा पटानी और सोनम कपूर जैसी बॉलीवुड एक्ट्रेसेस की ट्रोलिंग जाहिर करती है कि आज के समय के सोशल मीडिया यूजर्स बहुत जागरूक है। हमारे देश में गोरे रंग को लेकर जो स्टीरियोटाइप सोच बहुत पहले से है, उसे बदलने की जरूरत है और समय के साथ प्रगतिशील रवैया अपनाए जाने की जरूरत है। सांवला रंग भी गोरे रंग की तरह ही खूबसूरत दिखता है, लेकिन फेयरनेस क्रीम्स के जरिए महिलाओं के मन में यह धारणा विकसित करने की कोशिश की जाती है कि सांवला रंग अच्छा नहीं है और गोरा होना की सुंदर होने का पर्याय है। इस सोच को बदलने की जरूरत है।
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Image Courtesy: Instagram(@priyankachopra)
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