बढ़ती कमर और पेट को कभी-कभी वृद्ध होने की निशानी मान जाता है। महिलाओं के लिए, यह मेनोपॉज के बाद विशेष रूप से सच हो सकता है, जब शरीर में चर्बी पेट में स्थानांतरित हो जाती है।
पेट की चर्बी बढ़ने से आपके लिए जींस की ज़िप बंद करना मुश्किल हो जाता है। अनुसंधान से पता चलता है कि पेट की चर्बी भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का कारण बन सकती है। लेकिन आपके लिए अच्छी खबर है क्योंकि पेट की चर्बी से उत्पन्न खतरों को कम किया जा सकता है। इसके लिए आप अपनी डाइट में कुछ फूड्स को शामिल कर सकती हैं।
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इन फूड्स की जानकारी हमें डाइटीशियन मनप्रीत जी के इंस्टाग्राम अकाउंट को देखने के बाद मिली है। लेकिन सबसे पहले इसके कारण के बारे में जान लेते हैं। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, 'कभी-कभी, पेट के आसपास अतिरिक्त चर्बी विशेष रूप से मेनोपॉज में हार्मोन के कारण होती है। हार्मोन मेटाबॉलिज्म, तनाव, भूख और सेक्स ड्राइव सहित कई शारीरिक कार्यों को विनियमित करने में मदद करते हैं। यदि किसी व्यक्ति में कुछ हार्मोन की कमी है, तो इसका परिणाम पेट के आसपास वजन बढ़ सकता है।'
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अलसी के बीज आपकी हेल्थ के लिए बहुत अच्छे होते हैं, यह बात तो लगभग सभी लोग जानते हैं। लेकिन शायद आप इस बात से अंजान है कि यह 45 की उम्र के बाद मेनोपॉज के कारण निकलने वाले पेट को कम करने में भी मदद करते हैं। यह वॉटर रिटेंशन को कम करते हैं और एस्ट्रोजेन बैलेंस को रेगुलेट करते हैं।
दालचीनी इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करती है। साथ ही कोर्टिसोल लेवल के कारण बढ़ने वाली पेट की चर्बी को कम करने में मदद करती है।
अगर आप अपना वजन और खासकर पेट की चर्बी कम करने की कोशिश कर रही हैं, तो अपने रोजमर्रा के खाने में दालचीनी को शामिल करना शुरू कर दें। दालचीनी भूख को कम करके, ब्लड शुगर को कंट्रोल करके और मेटाबॉलिज्म को तेज करके वजन कम करने में मदद करती है।
दिखने में यह बीज भले ही छोटे हैं लेकिन इन्हें पोषक तत्वों का पावरहाउस माना जाता है। इसमें कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं। यह ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकते हैं।
चिया सीड्स में फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है जो मल त्याग को नियंत्रित कर सकता है और आपकी आंतों में निर्मित विषाक्त पदार्थों को भी दूर करता है। अध्ययनों से पता चला है कि चिया सीड्स का सेवन आंत के फैट टिशू को कम करता है, जिसे बेली फैट भी कहा जाता है।
यह चर्बी को जमा होने से रोकता है। लगभग 100 ग्राम सेब के सिरके में लगभग 22 कैलोरी होती है, जिसका अर्थ है कि यह कम कैलोरी वाला ड्रिंक है जो वेट लॉस को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच एसीवी मिलाकर सुबह सबसे पहले पीने से बेली फैट बर्न करने में मदद मिल सकती है।
अध्ययनों के अनुसार, प्रतिदिन सीमित मात्रा में ACV पीने से व्यक्ति को ब्लड ट्राइग्लिसराइड्स को कम करके पेट की चर्बी कम करने में मदद मिल सकती है।
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यह डाइजेशन में सुधारकरती है और हार्टबर्न को कम करती है। मुलेठी बीएमआई में किसी भी बदलाव के बिना, बॉडी फैट मास को कम करने में मदद करता है। यह फैट सेल्स लेवल पर 11बीटा-हाइड्रॉक्सीस्टेरॉइड डिहाइड्रोजनेज टाइप 1 को रोककर चर्बी को कम कर सकता है।
आप भी इन फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करके 45 की उम्र के बाद यानी मेनोपॉज के बाद भी पेट की चर्बी को कम कर सकती हैं। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें। डाइट से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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