मेनोपॉज एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जिसे सभी महिलाएं अपने जीवन में एक उम्र के बाद अनुभव करती हैं। इस समय के दौरान, शरीर कई शारीरिक परिवर्तनों से गुजरता है क्योंकि यह उतार-चढ़ाव वाले हार्मोन के स्तर को समायोजित करता है। मेनोपॉज के दौरान कई महिलाओं में अप्रिय लक्षण होते हैं, जिनमें हॉट फ्लैशेस, मूड स्विंग्स और अनिद्रा शामिल हैं। बालों का झड़ना और झाइयों भी आम समस्याएं हैं।
जी हां, मेनोपॉज की शुरुआत के साथ एक महिला में कई तरह के हार्मोनल बदलाव और उतार-चढ़ाव दिखाई देते हैं। इसके कारण त्वचा और बालों में कई तरह के परिवर्तन दिखाई देते हैं। यह आमतौर पर एक महिला के 40 के दशक में शुरू होता है।
मेनोपॉज के दौरान, कुछ महिलाओं को अपने चेहरे पर अधिक झाइयों का अनुभव होता है, जिसे मेलास्मा कहा जाता है, जिसे गाल, ऊपरी होंठ और माथे पर झाइयों के रूप में चित्रित किया जाता है। इसके अलावा, बालों के झड़ने का अनुभव भी होता है। ब्रश करने और नहाने के दौरान बाल बड़े गुच्छों में भी झड़ सकते हैं।
शोध से पता चला है कि मेनोपॉज के दौरान बालों का झड़ना एक हार्मोनल असंतुलन का रिजल्ट है। विशेष रूप से, यह एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के कम उत्पादन से संबंधित है। सौभाग्य से, इन चिंताओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं।
आज हम आपको इससे निपटने वाले कुछ योगासन के बारे में बता रहे हैं। इसकी जानकारी हमें सर्वा योगा, माइंडफुलनेस एंड बियोंड के को फाउंडर श्री सर्वेश शशि जी के इंस्टाग्राम से मिली हैं। वह अपने फैन्स के साथ अक्सर योग से जुड़ी जानकारी शेयर करते रहते हैं।
मेनोपॉज के लिए योगासन के बारे में वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'मेनोपॉज या पेरिमेनोपॉज़ से पीड़ित महिलाएं हॉट फ्लैशेस, अनिद्रा, वजन बढ़ना, रात को पसीना, हेयर फॉल और स्किन में बदलाव आदि जैसे लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं। योग आपकी मदद कर सकता है, कुछ मामलों में इन अनुभवों से बचें। यहां 3 प्रभावी पोज दिए गए हैं जिनका अभ्यास आप मेनोपॉज के लिए कर सकती हैं।'
सेतु बंध सर्वांगासन
ब्रेन को शांत करता है और तनाव को कम करनेमें मदद करता है। हार्मोनल संतुलन के लिए योग में यह आसन थायरॉयड फंक्शन में सुधार करता है। साथ ही इसे करने से आपका ब्लड सर्कुलेशन सिर की ओर होता है जिससे आपकी बालों और त्वचा से जुड़ी समस्याओं कम होती है।
विधि
- इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं।
- इसके बाद हाथों को बगल में रख लें।
- अब धीरे-धीरे अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर हिप्स के पास ले आएं।
- हिप्स को जितना हो सके फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं।
- हाथ जमीन पर ही रहने चाहिए।
- कुछ देर के लिए सांस को रोककर रखें।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए वापस जमीन पर आएं।
- पैरों को सीधा करें और रिलैक्स करें।
- कुछ देर रिलैक्स करने के बाद फिर से करें।
जानुशीर्षासन
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मेनोपॉज के लक्षणों जैसे थकान और सिरदर्द से राहत देता है।
विधि
- इसे करने के लिए पैरों को सामने फैलाकर और बैठकर शुरुआत करें।
- इसके बाद, अपने दाहिने घुटने को मोड़ें।
- इसे इस तरह से हिलाएं कि आपके पैर का निचला हिस्सा आपकी बाईं जांघ के ऊपर हो।
- बेली बटन को बाएं पैर के केंद्र के अनुरूप रखें और सिर को अपने घुटने से छूने की कोशिश करते हुए कमर से झुकें।
- यदि आपके बाएं पैर का घुटना स्पर्श नहीं करता है, तो समर्थन के लिए नीचे एक तौलिया रखें।
- इस आसन में कुछ देर रहें।
- जब आप वापस बैठें तो गहरी सांस लें और अपने बाएं घुटने को मोड़कर दोहराएं।
बद्धकोणासन
पाचन और आंतों के काम में सुधार करता है और डाइजेशन के अच्छा रहने से बालों और त्वचा की हेल्थ भी अच्छी रहती है। इसे कुछ महिलाएं भद्रासन या तितली पोज के नाम से भी जानते हैं।
विधि
- इसके लिए, दोनों घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं।
- अब आपसे जितना हो सके, अपने दोनों घुटनों को उतना फैलाएं।
- दोनों पैरों को आपस में जोड़ दें।
- इस दौरान आपके पैर जमीन के संपर्क में ही होने चाहिए।
- इस अवस्था में रीढ़ को सीधा रखें और नाक की नोक के केंद्र पर ध्यान केंद्रित करें।
- अब आप टखनों को हाथों से पकड़ आप अपने घुटनों को ऊपर नीचे करें।
- आप अपनी सुविधानुसार घुटनों को ऊपर नीचे कर सकती हैं।
- अब, आप धीमी और गहरी सांस लें और रिलैक्स करें।
आप भी इन योगासन को करके मेनोपॉज में होने वाली समस्याओं को दूर कर सकती हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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Image Credit: Shutterstock & Freepik
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