हिंदू धर्म में सबसे प्रिय माने जाने वाले देवता हनुमान, जो श्री राम के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार थे। बजरंगबली की वीरता को और प्रभु राम के प्रति स्नेह को अगर कोई समझना चाहता है, तो उसे महाकाव्य रामायण पढ़ना चाहिए। लेकिन अगर आप हनुमान को साक्षात देखना और अनुभव करना चाहते हैं, तो आप भारत के अनोखे मंदिरों में दर्शन का प्लान बना सकते हैं।
देशभर में ऐसे कई मंदिर हैं, जिसका बजरंगबली से गहरा नाता है। इन मंदिरों भगवान अलग-अलग रूप में विराजमान है। माना जाता है कि अगर भगवान के इन अनोखे स्वरूप के दर्शन के लिए अगर कोई भक्त सच्चे मन से आता है, तो वह उसकी सभी मुरादें पूरी करते हैं।
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से मात्र 30 किमी की दूरी पर एक ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी की उल्टी प्रतिमा स्थापित है। यह सांवेर गांव में स्थित हनुमान जी का इकलौता मंदिर है, जहां भगवान उल्टे विराजमान है। माना जाता है कि हनुमान जी की पाताल लोक की यात्रा सांवेर से ही शुरू हुई थी।
जब अहिरावण श्री राम और लक्ष्मण को मूर्छित करके पाताल लोक ले गया था, तब हनुमान जी भी उन्हें खोजते हुए पाताल लोक पहुंच गए थे। उस समय उनका सिर नीचे के ओर था, इसलिए मंदिर में उनके इस स्वरूप की पूजा होती है।
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राजस्थान की राजधानी जयपुर के चांदी टकसाल में स्थित मंदिर में भगवान हनुमान की प्रतिमा काले रंग की है। यहां मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है। मंदिर जल महल के नजदीक स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर को आमेर के राजा जयसिंह ने बनवाया था।
जयपुर में काले हनुमान जी का मंदिर को दो मंजिला बनाया गया है और बाहर से देखने में यह महल जैसा नजर आता है। यह मंदिर देश का सबसे अनोखा मंदिर माना जाता है।
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जयपुर दौसा बॉर्डर आगरा जयपुर हाईवे पर स्थित इस मंदिर में हनुमान की सबसे अलग प्रतिमा स्थापित है। मंदिर गोठड़ा की स्थापना 1996 में करवाई गई थी। हनुमान जी के पंच मुख को रोज पंच भोग अलग-अलग लगाया जाता है। भरतपुर धौलपुर करौली से जयपुर की ओर आने वाली बसों से यात्रा करने वाले लोग, यहां दर्शन के लिए आते हैं।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्थित एकलौता ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी की गिलहरी के रूप में पूजा की जाती है। इस मंदिर का नाम श्री गिलहराज मंदिर है। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि जब भगवान राम जी राम सेतु पुल का निर्माण करा रहे थे, तो उन्होंने भगवान हनुमान ने कुछ देर आराम करने को कहा था। लेकिन लेकिन हनुमान जी ने आराम करने की बजाय गिलहरी का रूप लेकर श्री राम की मदद कीय़
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से 25 किमी दूर एक जगह है रतनपुर, यहां Girijabandh Hanuman Mandir हैं, जहां हनुमान जी स्त्री रूप में पूजे जाते हैं।
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