Black Hanuman Temple: एक ऐसा मंदिर जहां होती है काले रंग के हनुमान जी की पूजा, जानें कारण

जयपुर के एक मंदिर में हनुमान जी के काले स्वरूप की पूजा की जाती है। आखिर कैसे पड़े हनुमान काले आइये जानते हैं।

black hanuman puja

Black Hanuman Temple: भारत देश में ऐसे कई हनुमान मंदिर हैं जहां हनुमान जी की मूर्ति नारंगी, लाल का रंगबिरंगे स्वरूप में स्थापित है लेकिन जयपुर में स्थित एक मंदिर में हनुमान जी के काले स्वरूप की पूजा की जाती है। यह मंदिर काले हनुमान मंदिर के नाम से ही प्रख्यात है।

जब इस मंदिर के बारे में हमने सुना तो फौरन हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से इस विषय में जानकारी हासिल की। उन्होंने हमे काले हनुमान जी की बड़ी ही रोचक कथा सुनाई जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

  • हनुमान जी ने सूर्य देव से शिक्षा ग्रहण की है। सूर्य देव (सूर्य देव की आरती) हनुमान जी के गुरु माने जाते हैं। ऐसे में जब हनुमान जी की शिक्षा पूर्ण हुई तो उन्होंने सूर्य देव से गुरु दक्षिणा मांगने की विनती की।
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  • इस विनती को स्वीकार करते हुए सूर्य देव ने हनुमान जी को शनि देव की कथा सुनाई और अपने एवं अपने पुत्र के बीच के मतभेद के बारे में बताया। सूर्य देव ने कथा के बाद हनुमान जी के सामने गुरु दक्षिणा के रूप में अपने पुत्र को मांगा।
  • यानी कि सूर्य देव ने हनुमान जी से शनि देव को उनके भवन लाने और उनके बीच के मतभेद को खत्म करने का आग्रह करते हुए गुरु दक्षिणा के रूप में अपनी इच्छा को हनुमान जी के सामने उजागर किया।
  • हनुमान जी ने सूर्य देव को वचन दिया कि वह इस गुरु दक्षिणा को अवश्य सूर्य देव तक पहुंचाएंगे जिसके बाद हनुमान जी सूर्य देव की आज्ञा और उनके आशीर्वाद से शनि देव से भेंट करने निकल पड़े।
  • हनुमान जिक जब शनि देव के भवन पहुंचे तो शनि देव ने हनुमान जी का आदर सत्कार किया और उन्हें भोजन कराया। जब हनुमान जी ने शनि देव के सामने सूर्य देव की बात छेड़ी तो शनि देव क्रोधित हो उठे।
kale hanuman ji
  • यहां तक कि जब हनुमान जी ने शनि देव को उनके साथ सूर्य लोक चलने के लिए कहा तब शनि देव का क्रोध अपने चरम पर पहुंच गया और उन्होंने हनुमान जी पर अपनी वक्रदृष्टि डाल दी।
  • हनुमान जी रुद्रंश हैं इसी कारण से वक्र दृष्टि उनका अहित नहीं कर सकी लेकिन शनि देव की दृष्टि के प्रभाव से हनुमान जी काले पड़ गए। हनुमान जी ने फिर शनि देव को समझाया और सूर्य देव के पास ले गए।
  • हनुमान जी के कारण शनि देव और सूर्य देव के मतभेद दूर हो गए और पिता-पुत्र पुनः मिल गए। हनुमान जी ने गुरु दक्षिणा देने के बाद जयपुर के एक स्थान पर बैठकर घोर ताप किया जिसके कारण हनुमान जी का काला पड़ा शरीर अपने रूप में पुनः लौट आया।
  • जिस स्थान पर हनुमान जी ने तप किया था आज उसी स्थान पर काले हनुमान(हनुमान जी के 12 नाम)मंदिर स्थापित है और इसी घटना के बाद से हनुमान जी को काले रंग में पूजा जाता है।

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  • शनिदेव ने हनुमान जी को यह वरदान दिया था कि हनुमान जी के काले रंग की जो बी कोई पूजा करेगा उसके जीवन से अंधकार का नाश हो जाएगा और नकारात्मक शक्तियां कभी उस व्यक्ति को आहत नहीं कर सकेंगी।

तो ये थी काले हनुमान की रोचक कथा। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Pinterest, Shutterstock

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