राजस्थान अपनी समृद्ध विरासत, संस्कृति और प्राकृतिक भव्यता के लिए सिर्फ भारत ही नहीं, पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां की झीलों से लेकर जीवंत बाजारों और मंत्रमुग्ध करने वाले महलों और किलों आदि को देखने का अपना एक अलग ही आनंद है। लेकिन इन सबके अतिरिक्त राजस्थान का कल्चर भी काफी विस्तृत है। राजाओं-महाराजाओं की धरती रह चुकी राजस्थान में कई रंगीन और पारंपरिक त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं।
इनमें से कुछ त्योहार पारंपरिक और धार्मिक हैं तो कुछ विशुद्ध रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम हैं। इन त्योहारों के माध्यमों से पर्यटकों को राज्य के विभिन्न रंगों को देखने का अवसर प्रदान करता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको राजस्थान के कुछ कलरफुल फेस्टिवल्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको भी एक बार जरूर देखना चाहिए-
राजस्थान के जयपुर शहर में तीज बड़े ही उत्साह के साथ मनाई जाती है। यह राजस्थान के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जिसे पूरी भव्यता, पारंपरिक गीत और नृत्य, मेले और देवी तीज की पूजा के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार में एक भव्य शोभायात्रा निकालकर देवी तीज की स्वर्ण पालकी को सजे-धजे हाथी, घोड़े और ऊंटों के साथ शहर भर में ले जाया जाता है।
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इस अवसर पर तीज की विशेष मिठाई घेवर और मालपुआ आदि खाते हैं। साथ ही महिलाओं द्वारा हरे पारंपरिक कपड़े, चूड़ियाँ और मेहंदी के कपड़े पहने की प्रथा भी है। इस साल तीज 11 अगस्त को सेलिब्रेट की जाएगी।
जयपुर का हाथी उत्सव, होली के दिन जयपुर पोलो ग्राउंड में हर साल आयोजित किया जाता है, जो राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध पारंपरिक त्योहारों में से एक है। इस दिन हाथियों को रंगीन झूलों और भारी गहनों से सजाया जाता है और दौड़, शो और प्रतियोगिताओं के लिए प्रस्तुत किया जाता है। मादा हाथियों को पायल भी पहनाई जाती है। मेले का प्रमुख आकर्षण पोलो मैच और हाथियों के बीच रस्साकशी है। हाथी मेला 2021 की तारीख 28 मार्च है।
भरतपुर में होली से कुछ दिन पहले मनाई जाने वाली यह विशेष ब्रज होली भगवान कृष्ण की पूजा, नृत्य, संगीत और रंगों के साथ मनाई जाती है। यह राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध मेलों और त्योहारों में से एक है।
इस अवसर पर स्थानीय लोग राधा कृष्ण मंदिर में प्रार्थना करने से पहले बाणगंगा नदी के घाटों में डुबकी लगाते हैं। इस त्योहार का मुख्य आकर्षण रासलीला है। इस बार राजस्थान के भरतपुर में ब्रज होली 23 मार्च से 30 मार्च तक मनाई जाएगी।
पुष्कर में लगने वाला ऊंट मेला राजस्थान में सबसे पारंपरिक त्योहारों में से एक है, जहां हजारों ऊंट व्यापार के लिए इकट्ठा होते हैं। यह अपनी तरह का एक कार्निवल है, जो संगीत, नृत्य और जादू शो, कलाबाज़, सपेरों और हिंडोला सवारी के साथ मनाया जाता है।
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इस मेले का मुख्य आकर्षण अच्छी तरह से सजाए गए ऊंट की परेड और सौंदर्य प्रतियोगिता, हॉट एयर बैलून की सवारी, मूंछों की प्रतियोगिता और हस्तशिल्प बाजार है। इस साल पुष्कर ऊंट मेले की तारीख 11 नवंबर से 22 नवंबर है।
राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय लोक उत्सव जोधपुर का एक वार्षिक उत्सव है जो 2007 से जोधपुर में आयोजित किया गया है। इस फेस्टिवल का उद्देश्य पारंपरिक लोक संगीत और कला को बढ़ावा देना है। यह हर साल जोधपुर के मेहरानगढ़ किला में शरद पूर्णिमा के दिन आयोजित किया जाता है, जब साल का सबसे चमकदार फुल मून होता है। इस साल यह लोक उत्सव 29 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच सेलिब्रेट किया जाएगा।
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