India's Highest Krishna Temple: देश में हर साल दर्जन से भी अधिक त्योहार मनाए जाते हैं। दर्जनों त्योहारों में शामिल जन्माष्टमी भी एक ऐसा त्योहार है, जो हिन्दुओं के लिए बेहद खास पर्व माना जाता है।
जन्माष्टमी में खास मौके पर लाखों भक्त भगवान कृष्ण का दर्शन करने देश के अलग-अलग कृष्ण मंदिरों में पहुंचते रहते हैं। ऐसे में अगर आपसे यह पूछा जाए कि क्या आपने दुनिया के सबसे ऊंचे स्थान पर बसे श्री कृष्ण मंदिर का दर्शन किया है, तो फिर आपका जवाब क्या होगा?
जी हां, दुनिया का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर किसी और देश में नहीं, बल्कि भारत में ही स्थित है। इस आर्टिकल में हम आपको दुनिया के सबसे ऊंचे कृष्ण मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां हर भक्त की मुराद होती है पूरी।
दुनिया का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर कहां है? ( Where is Highest Krishna Temple)
दुनिया के सबसे ऊंचे कृष्ण मंदिर की खासियत जानने से पहले आपको यह बता देते हैं कि आखिर यह कहां स्थित है। दरअसल, यह खूबसूरत मंदिर देश के किसी अन्य राज्य में नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश में मौजूद हैं।
जी हां, दुनिया का सबसे ऊंचा श्री कृष्ण मंदिर हिमाचल के किन्नौर जिले में स्थित है। यह मंदिर किन्नौर के निचार में यूला कांड़ा में है जिसे कृष्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि शिमला से इस मंदिर की दूरी करीब 258 किमी है।
दुनिया का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर क्यों प्रसिद्ध है? (Why Highest Krishna Temple Is So Famous)
दुनिया का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर भक्तों के लिए बेहद ही खास है। कहा जाता है कि जो पर्यटक प्रकृति से प्रेम करने के साथ-साथ आस्था में विश्वास रखते हैं, वो इस मंदिर का दर्शन करने जरूर पहुंचते हैं। यह मंदिर स्थानीय लोगों के लिए एक पवित्र मंदिर है।(किन्नौर में घूमने की बेस्ट जगहें)
हिमाचल की कांडा ट्रैकिंग के पास में स्थित इस कृष्ण मंदिर का दर्शन करने हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। जन्माष्टमी और होली के खास मौके पर इस मंदिर का दर्शन करने हजारों की संख्या में भारत और पर्यटक पहुंचते हैं। इस मंदिर का वातावरण भी सैलानियों को खूब आकर्षित करता है।
झील के बीच में मौजूद है दुनिया का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर ( India's Highest Krishna Temple In Himachal)
आपको बता दें कि दुनिया का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर समतल जमीन नहीं, बल्कि झील के बीचो-बीच में स्थित है। इस झील के बारे में भी एक मान्यता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस झील का निर्माण पांचों पांडवों ने अपने वनवास के दौरान किया था और इस मंदिर का निर्माण भी पांडवों ने ही किया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की बर्फबारी के समय इस मंदिर की खूबसूरती चरम पर होती है, क्योंकि बर्फबारी के समय यह मंदिर और झील पूरी तरह से बर्फ से ढक जाती है, जिससे आसपास का नजारा बेहद ही माकल का दिखाई देता है।
यूला कांड़ा ट्रेकिंग पर्यटकों के लिए खास है? (Yulla Kanda Trek)
यूला कांड़ा ट्रेकिंग करने वालों के लिए यह मंदिर सैलानियों के लिए काफी खास है। यह ट्रेक किन्नौर के खास गांव से शुरू होता है और भावागन कृष्ण मंदिर तक जाता है।(जब महमूद गजनवी ने तोड़ दिया था कृष्ण जन्मभूमि)
यूला कांड़ा ट्रेकिंग के दौरान आप बदलों से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़, झील-झरने, घने जंगल और घास के मैदान को करीब से देख सकते हैं। ट्रेक के दौरान आप कई अद्भुत दृश्यों को भी देख सकते हैं। ट्रेकिंग के दौरान हिमालय पर्वत की खूबसूरती को भी देख सकते हैं। आपको बता दें कि किन्नौर गांव और श्रीकृष्ण मंदिर की दूरी करीब 12 किलोमीटर है।
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