
रेलगाड़ी आपको एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाती है। ये इसमें बैठे यात्रियों को अपने गंतव्य तक तो पहुंचाती है और प्रकृति के अद्भुत नजारों से भी रूबरू कराती हैं। वहीं दुनिया में कुछ ऐसी जगहें भी हैं जो अपनी एक अलग खासियत रखती हैं। ऐसा ही एक रेलवे स्टेशन है जो बहुत ऊंचाई पर स्थित है। समुद्र तल से हजारों फीट ऊपर, बर्फ से ढके पहाड़ों और विरल ऑक्सीजन के बीच एक ऐसा रेलवे स्टेशन मौजूद है, जहां पहुंचना अपने आप में साहस और रोमांच की परीक्षा बन जाता है। यह है दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन जो केवल एक यातायात केंद्र नहीं, बल्कि इंसानी हौसले और साहस का भी प्रतीक माना जाता है। यह स्टेशन उन यात्रियों के लिए है जो केवल अपनी मंजिल तक ही नहीं पहुंचना चाहते हैं बल्कि एक अलग साहस को भी दिखाते हैं। दुनिया का यह सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन न सिर्फ रिकॉर्ड बुक में दर्ज है, बल्कि यह इस बात का प्रतीक भी है कि अगर इरादे मजबूत हों तो इंसान सबसे कठिन ऊंचाइयों को भी छू सकता है। आइए जानें कहां मौजूद है ये रेलवे स्टेशन और इसकी खासियत क्या है।
दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन तांगगुला रेलवे स्टेशन है जो चीन के तिब्बत में किंगहाई-तिब्बत रेलवे लाइन पर है जो समुद्र तल से 5,068 मीटर यानी कि 16,627 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इतनी अधिक ऊंचाई पर रेलवे स्टेशन की कल्पना भी आपको हैरान कर सकती है। यहां तक पहुंचने के लिए यात्रियों को लगभग 11,627 फीट की ऊंचाई तक चढ़ना पड़ता है। इस ऊंचाई पर लोगों को ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगती है इस वजह से यहां पहुंचने वाले को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। वास्तव में इस रेलवे स्टेशन तक पहुंचना किसी साहस से कम नहीं है और लोग इस स्थान पर जाने का साहस जल्दी नहीं जुटा पाते हैं।
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यह स्टेशन किंघाई-तिब्बत रेलवे लाइन पर स्थित है, जो चीन के किंघाई प्रांत के गोलमुड शहर को तिब्बत की राजधानी ल्हासा से जोड़ती है। करीब 1,956 किलोमीटर लंबी यह रेलवे लाइन दुनिया की सबसे ऊंची और सबसे चुनौतीपूर्ण रेल लाइनों में से एक मानी जाती है। तांगगुला पर्वतमाला के बीच बसा यह स्टेशन वास्तव में देखने में ऐसा लगता है, जैसे आप आसमान में ट्रेन पकड़ने जा रहे हों। किंघाई-तिब्बत रेलवे स्टेशन वह पहली रेल लाइन है जिसने तिब्बत को चीन के बाकी हिस्सों से भी जोड़ा है। तांगगुला रेलवे स्टेशन को डांगला रेलवे स्टेशन भी कहा जाता है। यह स्टेशन इस ऐतिहासिक रेलवे प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसने दुर्गम हिमालयी क्षेत्रों में रेल यातायात को संभव बनाया है।
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इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन का स्तर सामान्य से काफी कम होता है। यही कारण है कि तांगगुला रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में यात्रियों के लिए ऑक्सीजन मास्क की सुविधा भी होती है। ट्रेन की हर सीट के ऊपर ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम लगा होता है। जरूरत पड़ने पर यात्री इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के इस मार्ग पर यात्रा करना लगभग असंभव माना जाता है।

यह जानकर आपको हैरानी होगी कि दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन होने के बावजूद भी यहां यात्रियों का चढ़ना या उतरना नहीं होता है। तांगगुला रेलवे स्टेशन मुख्य रूप से एक तकनीकी स्टेशन माना जाता है। साल 2010 से पहले यहां से कोई भी पैसेंजर ट्रेन नहीं गुजरती थी, लेकिन बाद में ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया। आज भी यहां ज्यादातर ट्रेन नहीं रूकती हैं और यह स्टेशन केवल तकनीकी जांच और संचालन के लिए उपयोग में लाया जाता है।
दुनिया का सबसे ऊंचा स्टेशन अपने आप में ही किसी अजूबे से कम नहीं है और इस स्थान पर जाना किसी साहस से कम नहीं है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसे ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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