Mysterious Temples In India: भारत में ऐसे कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जिनकी रहस्यमयी कहानियां कई लोगों को चकित कर देती हैं। पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण भारत में कुछ ऐसे प्राचीन मंदिर हैं, जिनका निर्माण या उत्पति आज भी करोड़ों लोगों के लिए रहस्यमयी कहानी बनी हुई हैं। मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मौजूद कुछ चमत्कारी मंदिरों के बारे में बोला जाता है कि इनका निर्माण रातों-रात किया गया था। ये मंदिर आज भी करोड़ों भक्तों के लिए आस्था के केंद्र माने जाते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि इनका निर्माण रातों रात किया गया था। इन मंदिरों के दर्शन के लिए आप भी पहुंच सकती हैं।
मध्य प्रदेश के उज्जैन से लेकर ओंकारेश्वर में ऐसे कई प्राचीन और अद्भुत मंदिर हैं, जिनके दर्शन मात्र में भक्तों की मुरादें पूरी हो जाती हैं, लेकिन जब मध्य प्रदेश के रहस्यमयी मंदिर की बार होती है, तो ककनमठ मंदिर का नाम जरूर लिया जाता है।
मध्य प्रदेश के मुरैना में स्थित ककनमठ एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसे सिर्फ एक रात के अंदर में बना दिया गया था। मान्यता के अनुसार इस मंदिर को भूतों द्वारा रातों-रात निर्माण किया गया था। ककनमठ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर को देखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
उत्तराखंड की हसीन वादियों में स्थित केदारनाथ से लेकर बद्रीनाथ और तुंगनाथ किसी रहस्यमयी मंदिर से कम नहीं है, लेकिन जब रातों-रात निर्मित होने वाले मंदिर की बात होती है कि कई लोग सबसे पहले हथिया देवल मंदिर का ही नाम लेते हैं।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित हथिया देवल मंदिर के बारे में कहा जाता है कि एक राक्षस में रातों-रात इस मंदिर का निर्माण कर दिया था। मान्यता है कि उस राक्षस ने क्रोध में मंदिर का निर्माण किया था। कहा जाता है कि इस मंदिर में राक्षस ने उल्टी दिशा में शिवलिंग का निर्माण कर दिया, जिसके चलते शिवलिंग की पूजा नहीं होती है।
कृष्णा की नगरी वृन्दावन में ऐसे कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जिनकी चमत्कारी कहानियां भक्तों की खूब आकर्षित करती हैं। प्रेम मंदिर से लेकर बांके बिहारी के बारे में तो लगभग हर कोई जानता होगा, लेकिन वृन्दावन में स्थित गोविंद देव जी मंदिर की रहस्यमयी कहानी के बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे।
गोविंद देव जी मंदिर के बारे में स्थानीय लोगों का मानना है कि रातों-रात बनाया गया था। किंदवंती के अनुसार इस निर्माण देवताओं और राक्षसों, दोनों ने मिलकर भगवान विष्णु के सम्मान में किया था। मान्यता के अनुसार यह मंदिर अधूरा रह गया, क्योंकि सूरज निकलने से पहले इसका निर्माण नहीं हो सका।
मध्य प्रदेश में स्थित सिर्फ ककनमठ ही नहीं, बल्कि भोजेश्वर मंदिर का भी निर्माण रातों-रात किया गया था। यह मंदिर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है, जिसे भोज मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह भगवान शिव को समर्पित है।
भोजेश्वर मंदिर के बारे में कहा जाता है कि वनवास के दौरान पांडवों ने एक सपना देखा। सपने में भगवान शिव ने दर्शन दिए थे। अगले दिन पांडवों में अपनी मां को बताई और रातों-रात इस मंदिर का निर्माण कर किया। एक अन्य मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा भोज से द्वारा करवाया गया था।
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