temples to visit in vrindavan

बांके बिहारी ही नहीं, वृंदावन के इन मंदिरों के दर्शन भर से होती है हर मनोकामना पूरी

ज्यादातर लोग सिर्फ बांके बिहारी लाल के दर्शनों के लिए ही वृंदावन जाते हैं लेकिन यहां और भी कई मंदिर हैं जो न सिर्फ प्राचीन है बल्कि कृष्ण लीलाओं की दिव्यता समेटे हुए हैं।  
Editorial
Updated:- 2023-12-28, 09:57 IST

Vrindavan Ke Mandir: ब्रज भूमि वृंदावन आप में से बहुत से लोग गए होंगे। हालांकि ज्यादातर लोग सिर्फ बांके बिहारी लाल के दर्शनों के लिए ही जाते हैं लेकिन वृंदावन में और भी कई मंदिर हैं जो न सिर्फ प्राचीन है बल्कि कृष्ण लीलाओं की दिव्यता समेटे हुए हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं वृंदावन के इन मंदिरों के बारे में।  

रंगनाथ जी मंदिर 

श्री रंग जी मंदिर वृन्दावन का सबसे बड़ा मंदिर है। साथ ही, यह वृन्दावन के प्राचीन मंदिरों में से भी एक है। इस मंदिर में श्री कृष्ण के स्वरूप भगवान रंगनाथ जी विराजमा हैं। इस मंदिर में श्री कृष्ण अपनी शेष शैय्या मुद्रा में हैं। 

rangnath ji

विशेष बात यह है कि इस मंदिर में भगवान नरसिंह, भगवान राम (भगवान राम के मंत्र) और माता सीता, लक्ष्मण जी, भगवान वेणुगोपाल और भगवान रामानुजचार्य भी स्थापित हैं। मान्यता है इस मंदिर में दर्शन मात्र से भक्तों को अपने शत्रुओं से छुटकारा मिल जाता है। 

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राधा रमण जी मंदिर 

वृंदावन का राधा रमण मंदिर भी प्राचीन माना जाता है। इस मंदिर में श्री कृष्ण के राधा रमण स्वरूप की पूजा होती है। रमण रमण जी को ब्रज के लाडले ठाकुर जी के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर में ठाकुर जी की मूर्ति तो एक है लेकिन उस एक मूर्ति में तीन छवि नजर आती हैं। 

radha raman ji

कभी यह छवि गोविंद देव जी के समान दिखती है। तो कभी वक्ष स्थल गोपी नाथ जी की भांति नजर आती है तो कभी चरण मदन मोहन जी के विग्रह रूप के दर्शन राधा रमण जी की प्रतिमा में दिखाई देते हैं। यहां राधा रमण जी दांतों के साथ मुस्कुराते हुए दिखाई देते हैं। 

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गोपेश्वर महादेव मंदिर 

गोपेश्वर महादेव मंदिर वंशी बट और यमुना नदी के तट पर स्थित है। वृन्दावन के इस मंदिर (मंदिर जानें के लाभ) में महादेव यानी कि भगवान शिव की पूजा होती है। खास बात यह है कि यहां न तो शिव जी शिवलिंग रूप में हैं न ही पुरुष रूप में। 

gopeshwar mahadev ji

इस मंदिर में शिव जी की स्त्री रूप में पूजा होती है। इसके पीछे की पौराणिक कथा यह है कि जब श्री राधा रानी और श्री कृष्ण ने महारास रचाया था तब उसमें भाग लेने के लिए शिव जी गोपी रूप धरकर आए थे और श्री कृष्ण के साथ रास किया था। इसलिए इस मंदिर का नाम गोपेश्वर महादेव मंदिर पड़ा। 

 

अगर आप भी वृन्दावन जाते हैं या जाना चाहते हैं तो इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम अनुसार वृंदावन के इन मंदिरों में अवश्य दर्शन करें और जानें इन मंदिरों का महत्व। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

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