Mata Rani Ka Mandir: हिन्दू धर्म में कई दिव्य मंदिरों का उल्लेख मिलता है जो न सिर्फ रहस्यमयी हैं बल्कि उनसे जुड़ी मान्यताएं या कथाएं बहुत हैरत में डाल देने वाली हैं। ऐसा ही मंदिर है देवी मां का है जहां जाने वाला एक अद्भुत चमत्कार का साक्षी बनता है।
मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर में जाने वाला न सिर्फ चर्म रोगों से मुक्ति पा जाता है बल्कि अगर उसे हकलेपन की बीमारी है तो वह भी हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाती है। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में।
देव भूमि उत्तराखंड में स्थित नैनीताल की ठंडी सड़क पर मौजूद है देवी मां का मंदिर। यह मंदिर पाषाण देवी के नाम से विख्यात है। मान्यता है कि इस मंदिर (मंदिर की सीढ़ियों को स्पर्श क्यों करते हैं) का जल अभिमंत्रित है और इस जल के शरीर पर छींट पड़ने भर से किसी भी प्रकार के चर्म रोग दूर हो जाते हैं।
यहां तक कि जो भी कोई इस अभिमंत्रित जल का सेवन करता है उसे वाणी से जुड़ी किसी भी समस्या खास तौर पर हकलेपन से सदैव के लिए आज़ादी मिल जाती है। मंदिर में मौजूद इस अभिमंत्रित जल के कारण ही मंदिर की महत्ता बहुत अधिक मानी जाती है।
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नैनी झील के किनारे पहाड़ी पर बने इस मंदिर में मां भगवती विराजती हैं। इस मंदिर में मां की प्राकृतिक मूर्ति स्थापित है और यह माना जाता है कि यहां मां का साक्षात वास है। इस मंदिर की एक विशेषता यह भी है कि यहां मां भगवती के सभी 9 रूपों के दर्शन एक साथ होते हैं।
असल में यहां प्राकृतिक रूप से प्रकट हुई नौ पिंडियों को जल से स्नान कराया जाता है और फिर उसी जल को अभिमंत्रित किया जाता है। इस जल की महत्ता इतनी है कि श्रद्धालू दूर-दूर से जल लेने के लिए मंदिर आते हैं और जल लिए बिना मंदिर से जाते नहीं हैं।
इस मंदिर में आने वाले हर एक व्यक्ति का मानना है कि यहां मिलने वाला ये अभिमंत्रित जल त्वचा के रोग, वाणी के रोग, जोड़ों में दर्द, हाथ-पैरों में सूजन, हकलेपन आदि से छुटकारा दिलाने में बहुत लाभकारी है। इस जल को लोग अमृत के समान समझते हैं।
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इस मंदिर की एक मान्यता यह भी है कि यहां आने वाले लोग अपने आंतरिक विकार से भी निजात पा जाते हैं। इस मंदिर में मां भगवती यानी कि मां दुर्गा की पूजा (दुर्गा चालीसा का पाठ) करने से व्यक्ति और उसके परिवार के लोगों को निरोगी होने का वरदान मिलता है। खास बात यह है कि मां के इस जल को हर 10 दिन में एक बार निकाला जाता है। इस जल को निकालने के लिए दिन, वार और तिथि बाकायदा सुनाई जाती है जिसके बाद लोगों का तांता लगना शुरू हो जाता है।
तो ये था नैनीताल में स्थित वह मंदिर जहां जाने से हकलेपन की बीमारी हमेशा के लिय दूर हो जाती है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Wikipedia
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